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अंकिता भंडारी हत्याकांड: 30 मई को आएगा बड़ा फैसला

उपशीर्षक: दो साल बाद अंकिता हत्या"कांड में सुनवाई पूरी, अब 30 मई को आएगा कोर्ट का फैसला"

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श्लोक भट्ट/ऋषिकेश। उत्तराखंड के बहुचर्चित अंकिता भंडारी हत्याकांड में कोटद्वार की स्थानीय अदालत ने दो साल आठ महीने की लंबी सुनवाई के बाद फैसला सुनाने की तारीख 30 मई 2025 तय की है। अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रीना नेगी ने सोमवार को अभियोजन और बचाव पक्ष की अंतिम दलीलें सुनने के बाद यह निर्णय लिया।

मामला क्या है?

18 सितंबर 2022 को 19 वर्षीय अंकिता भंडारी, जो पौड़ी जिले के यमकेश्वर स्थित वनंत्रा रिज़ॉर्ट में रिसेप्शनिस्ट के रूप में कार्यरत थीं, की हत्या कर दी गई थी। आरोप है कि रिज़ॉर्ट संचालक पुलकित आर्य और उसके दो सहयोगियों—सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता—ने अंकिता को ऋषिकेश की चीला नहर में धक्का देकर मार डाला। 24 सितंबर को अंकिता का शव नहर से बरामद हुआ था।

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जांच और चार्जशीट

विशेष जांच दल (SIT) ने इस मामले की गहन जांच की और 500 पन्नों की चार्जशीट दाखिल की, जिसमें 97 गवाहों को शामिल किया गया। अभियोजन पक्ष ने 47 गवाहों को कोर्ट में पेश किया, जिनमें जांच अधिकारी भी शामिल थे। मुख्य आरोपी पुलकित आर्य पर भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 302 (हत्या), 201 (साक्ष्य छुपाना), 354(ए) (छेड़खानी और लज्जा भंग) और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत आरोप तय किए गए। सह-अभियुक्त सौरभ भास्कर और अंकित गुप्ता पर धारा 302, 201 और अनैतिक देह व्यापार अधिनियम के तहत मुकदमा चल रहा है।

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सामाजिक और राजनीतिक प्रभाव

इस हत्याकांड ने उत्तराखंड सहित पूरे देश में महिलाओं की सुरक्षा और कार्यस्थल पर यौन शोषण जैसे गंभीर मुद्दों को उजागर किया। आरोप है कि अंकिता पर रिज़ॉर्ट में “विशेष सेवा” देने का दबाव डाला गया था, जिसके इनकार पर उसकी हत्या कर दी गई। इस मामले में एक कथित “वीआईपी” की संलिप्तता की बात भी सामने आई, जिसके कारण यह केस और भी चर्चा में रहा।

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पुलकित आर्य, भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के तत्कालीन नेता विनोद आर्य का पुत्र है। मामला सामने आते ही पार्टी ने आर्य को निष्कासित कर दिया था। इस घटना के विरोध में स्थानीय लोग सड़क पर उतर आए, जिससे सरकार को विशेष जांच दल गठित करना पड़ा और आरोपियों को सख्त सजा दिलाने का आश्वासन देना पड़ा।

आगे की राह

अब सभी की निगाहें 30 मई को आने वाले फैसले पर टिकी हैं। सवाल यह है कि क्या तीनों आरोपियों को कठोर सजा मिलेगी या वे इस मामले से बच निकलेंगे? अंकिता के परिवार और समर्थकों के साथ-साथ पूरे प्रदेश की जनता को इस फैसले से न्याय की उम्मीद है।

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