उत्तराखंड के किसानों ने राज्य योजना के तहत आईटीबीपी को पशुधन आपूर्ति कर 5 महीनों में कमाए ₹2.6 करोड़

देहरादून । ग्रामीण आजीविका को एक बड़ा प्रोत्साहन देते हुए, उत्तराखंड के सीमा जिलों के किसानों ने मात्र पांच महीनों में भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) को पशुधन आपूर्ति कर ₹2.6 करोड़ की कमाई की है। यह पहल राज्य सरकार की उस योजना का हिस्सा है जिसका उद्देश्य दूरदराज के क्षेत्रों में आर्थिक अवसरों को बढ़ाना है।
सीमावर्ती जिलों को सशक्त बनाना
यह योजना उत्तरकाशी, चमोली और पिथौरागढ़ के सीमावर्ती जिलों पर केंद्रित है, जहां लगभग 11,000 किसान, जिनमें करीब 7,000 महिलाएं शामिल हैं, भाग ले रहे हैं। ये किसान 80 से अधिक सहकारी समितियों के माध्यम से आईटीबीपी इकाइयों को मटन, चिकन और मछली की आपूर्ति कर रहे हैं। विशेष रूप से, लगभग 10,000 किसान भेड़ और बकरी पालन में, 800 से अधिक किसान पोल्ट्री पालन में और 500 से अधिक किसान मत्स्य पालन में लगे हुए हैं।
रणनीतिक सहयोग
वाइब्रेंट विलेज प्रोग्राम के तहत उत्तराखंड सरकार और आईटीबीपी के बीच एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। यह समझौता पशुपालन, मत्स्य पालन एवं दुग्ध विकास विभाग के सचिव बीवीआरसी पुरुषोत्तम और आईटीबीपी के आईजी संजय गुंज्याल द्वारा औपचारिक रूप से संपन्न किया गया। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस सहयोग को न केवल आजीविका में सुधार लाने वाला, बल्कि स्थानीय समुदायों और राष्ट्रीय सुरक्षा बलों के बीच संबंधों को मजबूत करने वाला भी बताया।