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उत्तराखंड जलागम भर्ती घोटाला: 266 पदों पर अनियमितताओं के गंभीर आरोप, रिश्वतखोरी और पक्षपात का मामला उजागर

"उत्तराखंड जलागम विभाग भर्ती घोटाला: 266 पदों पर अनियमितताओं के गंभीर आरोप, भ्रष्टाचार पर उठे सवाल"

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देहरादून । उत्तराखंड में सरकारी भर्तियों में अनियमितताओं का एक और बड़ा मामला सामने आया है। जलागम विभाग में 266 पदों पर हो रही भर्ती में बड़े पैमाने पर धांधली और भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। रिपोर्ट्स के मुताबिक, भर्ती प्रक्रिया में भारी अनियमितताएं बरती गई हैं, जिसमें योग्य उम्मीदवारों को नजरअंदाज कर अपात्र लोगों को नौकरियां दी गई हैं।

Recruitment scam on 266 posts in Uttarakhand Jalgam

भर्ती प्रक्रिया पर उठे सवाल

जलागम विभाग में इन भर्तियों के लिए यूसीआरआरएफपी (UCRRFP) नामक आउटसोर्सिंग कंपनी को जिम्मेदारी दी गई थी, लेकिन अब इस पर मनमाने तरीके से भर्ती करने और पैसे लेकर नौकरियां बेचने के आरोप लगाए जा रहे हैं। कांग्रेस के युवा नेता संदीप बुटोला और प्रदेश प्रवक्ता संदीप चमोली ने इस पूरे मामले को उजागर किया है। उन्होंने आरोप लगाया कि विभाग के कुछ अधिकारी अपने रिश्तेदारों और करीबियों को फायदा पहुंचाने के लिए इस भर्ती प्रक्रिया को प्रभावित कर रहे हैं। इसके अलावा, बार-बार भर्ती प्रक्रिया के नियम बदले गए, जिससे योग्य उम्मीदवारों को नुकसान हुआ।

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रिश्वत और भाई-भतीजावाद के आरोप

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है। आरोप है कि कुछ अभ्यर्थियों से मोटी रकम लेकर उन्हें नौकरी दी गई, जबकि कई ऐसे उम्मीदवारों का चयन किया गया जो अनुभव और शैक्षणिक योग्यता के मानकों पर खरे नहीं उतरते थे। सबसे चौंकाने वाली बात यह है कि जब इन पदों के लिए पहले भर्ती निकाली गई थी, तब उसकी शैक्षणिक योग्यता और अनुभव संबंधी मानक अलग थे। लेकिन जब नई भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई तो इन मानकों में बदलाव कर दिया गया। यही नहीं, कई ऐसे अभ्यर्थी जिन्हें पहले अयोग्य घोषित किया गया था, उन्हें बाद में चयनित कर लिया गया।

चार-पांच अधिकारियों पर मनमानी के आरोप

खबरों के मुताबिक, जलागम विभाग में कुछ अधिकारी पूरी भर्ती प्रक्रिया को अपनी उंगलियों पर नचा रहे हैं। आरोप है कि डिप्टी डायरेक्टर नवीन बर्त्वाल, एसके उपाध्याय, मिनाक्षी जोशी, एसके सिंह समेत कुछ अन्य अधिकारी मिलकर यह पूरा खेल खेल रहे हैं। बताया जा रहा है कि भाजपा के वरिष्ठ नेता भगत सिंह कोश्यारी भी इस भर्ती प्रक्रिया पर सवाल खड़े कर चुके हैं। अब प्रदेश की धामी सरकार पर दबाव बढ़ गया है कि इस मामले की निष्पक्ष जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की जाए।

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सरकार की ‘जीरो टॉलरेंस नीति’ की होगी अग्निपरीक्षा

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हमेशा भ्रष्टाचार पर सख्त रुख अपनाने की बात कही है। लेकिन अब इस जलागम भर्ती घोटाले ने उनकी जीरो टॉलरेंस नीति की अग्निपरीक्षा खड़ी कर दी है। अब देखना यह होगा कि सरकार इस घोटाले पर क्या कदम उठाती है और दोषियों के खिलाफ क्या कार्रवाई होती है।

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