उत्तराखंड: भूमि कानून, समान नागरिक संहिता (UCC) और बजट 2025-26 से राज्य में बड़े बदलाव की तैयारी
"उत्तराखंड सरकार की ये पहलें राज्य के समग्र विकास, सांस्कृतिक संरक्षण, और सामाजिक न्याय की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इनके सफल कार्यान्वयन से राज्य की आर्थिक, सामाजिक, और सांस्कृतिक संरचना को सुदृढ़ किया जा सकेगा, जिससे उत्तराखंड एक प्रगतिशील और समृद्ध राज्य के रूप में उभर सकेगा"
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देहरादून । उत्तराखंड राज्य में हाल ही में भूमि कानून, समान नागरिक संहिता (UCC), और आगामी बजट 2025-26 के संदर्भ में महत्वपूर्ण परिवर्तन और प्रस्ताव सामने आए हैं। ये सभी पहल राज्य की सांस्कृतिक विरासत, आर्थिक विकास, और सामाजिक समरसता को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से की गई हैं। नए भूमि कानून के तहत, बाहरी व्यक्तियों द्वारा राज्य में भूमि खरीद पर सख्त प्रतिबंध लगाए गए हैं। अब, बाहरी लोग आवासीय उपयोग के लिए अधिकतम 250 वर्ग मीटर तक की भूमि ही खरीद सकते हैं। यदि कोई व्यक्ति इस सीमा से अधिक भूमि खरीदता है, तो वह भूमि सरकार में निहित कर दी जाएगी। इस कानून का मुख्य उद्देश्य राज्य की सांस्कृतिक पहचान, पर्यावरण संतुलन, और स्थानीय निवासियों के अधिकारों की रक्षा करना है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस कानून के सख्त प्रवर्तन के लिए तकनीकी साधनों के उपयोग पर जोर दिया है, ताकि भूमि की अनियंत्रित खरीद-बिक्री पर निगरानी रखी जा सके।
समान नागरिक संहिता (UCC) की दिशा में भी राज्य सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं। UCC का उद्देश्य सभी नागरिकों के लिए एक समान कानूनी ढांचा स्थापित करना है, जिससे विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों के बीच समानता और न्याय सुनिश्चित हो सके। इस पहल से राज्य में सामाजिक समरसता को बढ़ावा मिलने की उम्मीद है, साथ ही यह लैंगिक समानता और मानवाधिकारों की रक्षा में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगी। आगामी बजट 2025-26 में, राज्य सरकार ने आयकर कानून में सुधार के लिए नए आयकर विधेयक 2025 को प्रस्तुत करने की योजना बनाई है। इस विधेयक का उद्देश्य आयकर प्रावधानों को सरल और स्पष्ट बनाना है, जिससे करदाताओं को कर प्रणाली को समझने और अनुपालन में सुविधा हो। नए विधेयक में 536 धाराएं, 23 अध्याय, और 16 अनुसूचियां शामिल हैं, जो मौजूदा आयकर अधिनियम 1961 की तुलना में अधिक संक्षिप्त और सुव्यवस्थित हैं। इससे करदाताओं के लिए कर संबंधी प्रक्रियाओं में पारदर्शिता और सरलता आएगी।
राज्य सरकार का मानना है कि इन सुधारों से उत्तराखंड में निवेश के अवसर बढ़ेंगे और रोजगार सृजन को प्रोत्साहन मिलेगा। सख्त भूमि कानून से जहां राज्य की सांस्कृतिक और पर्यावरणीय धरोहर की रक्षा होगी, वहीं UCC से सामाजिक न्याय और समानता को बढ़ावा मिलेगा। आयकर कानून में सुधार से करदाताओं का विश्वास बढ़ेगा और राज्य की राजस्व संग्रहण क्षमता में वृद्धि होगी। हालांकि, इन सभी पहलों के सफल कार्यान्वयन के लिए सरकार को स्थानीय समुदायों, विशेषज्ञों, और संबंधित हितधारकों के साथ मिलकर काम करना होगा। सख्त भूमि कानून के बावजूद, राज्य में विकास और निवेश को संतुलित करना आवश्यक है, ताकि आर्थिक प्रगति और सांस्कृतिक संरक्षण के बीच सामंजस्य बना रहे। UCC के कार्यान्वयन में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक समूहों की भावनाओं का सम्मान करना होगा, ताकि सामाजिक समरसता बनी रहे।
आगामी बजट 2025-26 में प्रस्तावित आयकर विधेयक के सफल क्रियान्वयन के लिए, सरकार को करदाताओं को नए प्रावधानों के बारे में जागरूक करना होगा और उन्हें आवश्यक सहायता प्रदान करनी होगी। इसके साथ ही, कर प्रशासन में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व सुनिश्चित करना होगा, ताकि करदाताओं का विश्वास बना रहे और वे स्वेच्छा से कर अनुपालन करें।