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उत्तराखंड में गर्मी के पर्यटन सीजन की जोरदार शुरुआत: देहरादून में उमड़ा 7000 सैलानियों का सैलाब, तीन स्थल रहे सबसे लोकप्रिय

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“सहस्रधारा, गुच्चुपानी और लच्छीवाला बने पर्यटकों की पहली पसंद”

देहरादून। उत्तराखंड में गर्मी की छुट्टियों के साथ ही समर टूरिज्म की शुरुआत हो गई है। ऑफिस और स्कूलों में एक साथ तीन दिन की छुट्टी (12 से 14 अप्रैल) पड़ने से देहरादून के प्रमुख पर्यटन स्थल में रविवार को जबरदस्त भीड़ उमड़ी। सहस्रधारा, गुच्चुपानी और लच्छीवाला में करीब 7000 पर्यटकों की आवाजाही रही, जिन्होंने प्राकृतिक जलस्रोतों में मस्ती करते हुए मौसम का पूरा लुत्फ उठाया।

हरी-भरी वादियों और ठंडे जलस्रोतों से घिरे इन स्थलों पर लोगों ने स्ट्रीट फूड का आनंद लिया और सेल्फियों के साथ खूबसूरत पलों को कैद किया। देर शाम तक यहां पर्यटकों की चहल-पहल बनी रही।

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लच्छीवाला में बोटिंग और गुच्चुपानी में सबसे ज्यादा भीड़
लच्छीवाला में पर्यटकों ने बोटिंग का आनंद लिया, वहीं गुच्चुपानी में सबसे अधिक 3500 पर्यटक पहुंचे। सहस्रधारा में लगभग 2000 और लच्छीवाला में 1500 से ज्यादा पर्यटकों की भीड़ रही। ट्यूब की मदद से सभी ने जलस्रोतों में नहाकर गर्मी से राहत पाई।

डीजे की धुन पर झूमे सैलानी, पिकनिक का भी उठाया आनंद
सहस्रधारा में जलस्रोत के किनारे डीजे की धुनों पर पर्यटक थिरकते नजर आए। कुछ लोग चटाई और खाना लेकर जंगलों के किनारे एकांत में बैठकर पिकनिक मनाते दिखे। पानी की बौछारों और गानों के साथ माहौल उत्सव जैसा हो गया।

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स्थानीय व्यापारियों की चांदी
ट्यूब, चेंजिंग रूम, खाने-पीने के स्टाल और होटल संचालकों की महीनों बाद कमाई बढ़ गई। निजी घरों और प्लॉट्स में पार्किंग करवाने वाले लोगों और सड़क किनारे अस्थायी दुकानें लगाने वालों को भी अच्छा मुनाफा हुआ।

सहस्रधारा में व्यवस्थाओं की कमी और विवाद का असर
हालांकि सहस्रधारा में पर्यटन विभाग और स्थानीय ग्रामीणों के बीच लंबे समय से चल रहे विवाद का खामियाजा पर्यटकों को उठाना पड़ रहा है। विभाग के नियंत्रण की कमी के कारण लोग अपने वाहन जलस्रोत तक ले जाते हैं, जिससे पूरे दिन ट्रैफिक जाम रहता है और व्यवस्थाएं बिगड़ी रहती हैं।

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2024 में पर्यटन विभाग ने सहस्रधारा में विकास कार्यों के बाद इसे अपने नियंत्रण में लेने की पहल की थी और एक ठेकेदार को वर्ष 2028 तक के लिए 53 लाख रुपये में टेंडर भी दिया गया। विभाग की योजना थी कि वह पर्यटकों से शुल्क लेकर व्यवस्थाएं बेहतर करेगा, लेकिन स्थानीय ग्रामीणों के विरोध के कारण ठेकेदार अब तक शुल्क वसूल नहीं कर पा रहा है। प्रशासन और विभाग द्वारा कई बार बैठकों के बाद भी इस विवाद का कोई स्थायी समाधान नहीं निकल पाया है।


उत्तराखंड के पर्यटन स्थलों में गर्मियों का मौसम शुरुआत से ही शानदार रहा है। पर्यटकों की बढ़ती संख्या ने न केवल प्रदेश की सुंदरता को रेखांकित किया, बल्कि स्थानीय व्यापारियों की आर्थिक स्थिति भी सुधारी। हालांकि, व्यवस्थागत चुनौतियों को सुलझाना अभी भी एक बड़ी ज़रूरत है, ताकि पर्यटकों को बेहतर अनुभव मिल सके।

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