उत्तराखंड: साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए डीजीपी की अध्यक्षता में गोष्ठी, नई योजनाओं पर हुआ मंथन
देहरादून: आज, 13 दिसंबर 2024, को पुलिस महानिदेशक (डीजीपी) श्री दीपम सेठ की अध्यक्षता में पुलिस मुख्यालय स्थित सभागार में एक महत्वपूर्ण गोष्ठी आयोजित की गई। गोष्ठी का उद्देश्य उत्तराखंड पुलिस को साइबर अपराधों के क्षेत्र में अधिक सशक्त और तकनीकी रूप से सक्षम बनाना था।
डीजीपी ने साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन, देहरादून के कार्यों और जनशक्ति की समीक्षा करते हुए साइबर अपराध की शिकायतों का पंजीकरण और वर्कआउट प्रतिशत बढ़ाने के निर्देश दिए। इसके साथ ही निम्नलिखित प्रमुख दिशा-निर्देश जारी किए गए:
- बैंकिंग सेक्टर की भूमिका:
साइबर अपराधों को रोकने में बैंकिंग क्षेत्र की भूमिका को सुनिश्चित करने के लिए सभी नोडल अधिकारियों को एसओपी जारी करने के निर्देश दिए गए। - स्टेट साइबर क्राइम हेडक्वार्टर (S4C):
राज्य स्तर पर साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस स्थापित करने के लिए शासन से पत्राचार का निर्देश दिया गया, ताकि साइबर पुलिस बल को और अधिक कुशल बनाया जा सके। - जिला स्तर पर साइबर थाने:
प्रत्येक जिले में साइबर थाना खोलने और कुमाऊं व गढ़वाल परिक्षेत्र के साइबर थानों की जनशक्ति बढ़ाने का निर्णय लिया गया। - चंडीगढ़ पुलिस का अध्ययन:
1930 हेल्पलाइन और साइबर क्राइम के मामलों पर चंडीगढ़ पुलिस की कार्यप्रणाली का अध्ययन करने के लिए एक टीम को चंडीगढ़ भेजा जाएगा। - जनजागरूकता:
साइबर अपराधों से बचाव के लिए जनता को जागरूक करने पर विशेष जोर दिया गया। साइबर अपराध और उसके तरीकों (Modus Operandi) के बारे में अधिक से अधिक जानकारी दी जाएगी। - साइबर प्रशिक्षण:
अधिक से अधिक पुलिस बल को साइबर अपराधों के लिए प्रशिक्षित किया जाएगा और प्रशिक्षित कर्मियों को साइबर थानों और साइबर सेल में नियुक्त किया जाएगा।
इस गोष्ठी में एडीजी प्रशासन श्री ए.पी. अंशुमान, आईजी अपराध श्री नीलेश आनंद भरणे, डीआईजी पी एंड एम श्री सेंथिल अब्दई, और अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे। इस पहल से उत्तराखंड पुलिस साइबर अपराधों के खिलाफ अधिक प्रभावी कदम उठाने में सक्षम होगी और राज्य में साइबर सुरक्षा को मजबूत बनाएगी।