ग्रेटर नोएडा वेस्ट: हाउसिंग सोसाइटी अजनारा होम्स पर 25 लाख रुपये का जुर्माना

निर्माण मानकों के उल्लंघन और सुविधाओं में कमी को लेकर प्राधिकरण ने लगाया जुर्माना, निवासियों में रोष
ग्रेटर नोएडा वेस्ट । अजनारा होम्स सोसाइटी में दूषित पानी की आपूर्ति के कारण लगभग 500 निवासी बीमार हो गए हैं, जिनमें उल्टी, दस्त और पेट दर्द जैसे लक्षण देखे गए हैं। इस गंभीर लापरवाही के चलते ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण (GNIDA) ने बिल्डर पर 25 लाख रुपये का जुर्माना लगाया है ।
मुख्य बिंदु:
- दूषित जल आपूर्ति: सोसाइटी के भूमिगत और ऊपरी जलाशयों की लंबे समय से सफाई नहीं की गई थी, जिससे पानी में बैक्टीरिया की मौजूदगी पाई गई। प्राधिकरण ने जांच में पाया कि ट्यूबवेल से आपूर्ति किया गया पानी तो स्वच्छ था, लेकिन टंकियों की सफाई में लापरवाही बरती गई थी ।
- स्वास्थ्य संकट: अपार्टमेंट ऑनर एसोसिएशन (AOA) के चेयरमैन चंदन सिन्हा के अनुसार, सबसे अधिक प्रभावित टावर M, J, K और A हैं। बच्चों और बुजुर्गों में बीमारी के लक्षण अधिक देखे गए हैं, और कई लोगों को अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा है ।
- अतिरिक्त जुर्माना: कूड़े के अनुचित निस्तारण और सफाई व्यवस्था में गंभीर लापरवाही के चलते प्राधिकरण के जनस्वास्थ्य विभाग ने सोसाइटी पर 2.01 लाख रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है ।
- बकाया जल शुल्क: प्राधिकरण के अनुसार, अजनारा होम्स पर जल शुल्क के रूप में 2 करोड़ रुपये से अधिक बकाया है। कई बार नोटिस जारी करने के बावजूद भुगतान नहीं किया गया है, जिसके चलते अब आरसी जारी की जाएगी।
सोसाइटी के निवासियों ने बेसमेंट में कूड़े के ढेर और पानी की गुणवत्ता को लेकर पहले भी शिकायतें की थीं। एक निवासी ने बताया, “जब से हमने बाजार से बोतलबंद पानी का इस्तेमाल करना शुरू किया है, हमारे लक्षण कम हो गए हैं, जिससे साफतौर से पता चलता है कि पानी दूषित है।”
GNIDA ने बिल्डर को टंकियों की तत्काल सफाई करने और कूड़े के उचित निस्तारण के निर्देश दिए हैं। साथ ही, जुर्माने की राशि तीन कार्य दिवसों के भीतर जमा कराने को कहा गया है। प्राधिकरण ने चेतावनी दी है कि भविष्य में ऐसी लापरवाहियों पर कठोर कार्रवाई की जाएगी।
अजनारा होम्स सोसाइटी में दूषित पानी की आपूर्ति और कूड़े के अनुचित निस्तारण के कारण निवासियों को गंभीर स्वास्थ्य समस्याओं का सामना करना पड़ा है। प्राधिकरण ने बिल्डर पर भारी जुर्माना लगाकर स्पष्ट संदेश दिया है कि जनस्वास्थ्य से जुड़ी लापरवाहियों को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।