जो पद कभी अस्तित्व में ही नहीं था, उसके मंत्री बने रहे 20 महीनों तक- मुख्यमंत्री भगवंत मान के करीबी कुलदीप सिंह धालीवाल को लेकर चौंकाने वाला खुलासा
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नई दिल्ली । पंजाब सरकार ने हाल ही में एक अधिसूचना जारी कर कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल से प्रशासनिक सुधार विभाग का प्रभार वापस ले लिया है, क्योंकि यह विभाग अस्तित्व में नहीं था। धालीवाल पिछले लगभग 20 महीनों से इस विभाग के मंत्री थे, लेकिन इस दौरान न तो उन्हें कोई कार्यालय मिला, न ही स्टाफ, और न ही विभाग से संबंधित कोई बैठक हुई। अब उनके पास केवल एनआरआई मामलों का विभाग है।
इस घटना के सामने आने के बाद विपक्षी दलों ने आम आदमी पार्टी (आप) सरकार की कड़ी आलोचना की है। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव तरुण चुघ ने इसे “शासन की पूरी तरह से अक्षमता और अव्यवस्था” करार दिया। शिरोमणि अकाली दल की नेता और बठिंडा से सांसद हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि यह सब इसलिए हो रहा है क्योंकि “सरकार दिल्ली से रिमोट कंट्रोल से चल रही है”।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने इस पर सफाई देते हुए कहा कि विभाग का केवल नाम बदला गया है और अब इसे एक नए विभाग के रूप में स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा, “पहले यह सिर्फ नाम के लिए था, कोई स्टाफ या कार्यालय नहीं था। अब, इसे सुधार लाने के लिए बनाया गया है, चाहे वह नौकरशाही में हो या अन्य क्षेत्रों में।”
मई 2023 में कैबिनेट फेरबदल के दौरान, धालीवाल को कृषि और किसान कल्याण विभाग से मुक्त कर प्रशासनिक सुधार और एनआरआई मामलों का प्रभार सौंपा गया था। हालांकि, अब यह स्पष्ट हुआ है कि प्रशासनिक सुधार विभाग वास्तव में अस्तित्व में नहीं था, जिससे सरकार की कार्यप्रणाली पर सवाल उठ रहे हैं।