
नई दिल्ली । दिल्ली चुनाव 2025 में बीजेपी की ऐतिहासिक जीत के बाद अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि दिल्ली का नया मुख्यमंत्री कौन बनेगा? भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने 27 साल के लंबे इंतजार के बाद सत्ता में वापसी की और आम आदमी पार्टी (AAP) को करारी हार का सामना करना पड़ा। हालांकि, चुनाव प्रचार के दौरान बीजेपी ने मुख्यमंत्री पद के लिए कोई चेहरा घोषित नहीं किया था। अब पार्टी के केंद्रीय नेतृत्व पर निर्भर है कि वह दिल्ली के सीएम के रूप में किसे चुनेगी।
सूत्रों के मुताबिक, मुख्यमंत्री पद की रेस में बीजेपी के पांच प्रमुख नेता सबसे आगे हैं। पार्टी जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साधने की कोशिश कर सकती है। कई राज्यों में डिप्टी सीएम बनाकर संतुलन बनाने का प्रयास किया गया है। दिल्ली में भी बीजेपी ऐसी ही रणनीति अपना सकती है।
मुख्यमंत्री पद की दौड़ में ये नेता शामिल
प्रवेश वर्मा: दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा ने नई दिल्ली सीट पर आप प्रमुख अरविंद केजरीवाल को हराकर बड़ा उलटफेर किया। उन्हें “जायंट किलर” का खिताब दिया गया है। जाट समुदाय से आने वाले प्रवेश वर्मा के सीएम बनने से ग्रामीण दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान और पश्चिमी यूपी में पार्टी का समर्थन बढ़ सकता है।
सतीश उपाध्याय: ब्राह्मण चेहरा माने जाने वाले सतीश उपाध्याय दिल्ली बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष रह चुके हैं। उन्होंने कई प्रशासनिक पदों पर काम किया है और आरएसएस के करीबी माने जाते हैं।
आशीष सूद: आशीष सूद बीजेपी के पंजाबी चेहरा हैं। वह दिल्ली बीजेपी के महासचिव रह चुके हैं और पार्टी संगठन में गहरी पकड़ रखते हैं।
जितेंद्र महाजन: वैश्य समाज से आने वाले जितेंद्र महाजन ने रोहतास नगर विधानसभा सीट से जीत हासिल की है। वह आरएसएस के काफी करीबी माने जाते हैं और सीएम पद के एक मजबूत दावेदार हैं।
विजेंद्र गुप्ता: पूर्व विपक्ष के नेता विजेंद्र गुप्ता भी मुख्यमंत्री पद की रेस में हैं। वह रोहिणी विधानसभा सीट से जीत चुके हैं और बीजेपी के वैश्य चेहरा माने जाते हैं।
क्या दिल्ली को मिलेगा डिप्टी सीएम?
सूत्रों का कहना है कि दिल्ली में सीएम के साथ डिप्टी सीएम बनाने की भी संभावना है, जिससे पार्टी जातीय और क्षेत्रीय संतुलन साध सके। अब देखना होगा कि बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व किसे दिल्ली का अगला मुख्यमंत्री चुनता है।