देहरादून: अवैध पार्सल के नाम पर 1.70 करोड़ की ठगी, यमुनानगर से मुख्य आरोपी गिरफ्तार
"देहरादून में महिला को डिजिटल अरेस्ट कर उससे 1 करोड़ 70 लाख रुपये ठगी करने वाले मुख्य आरोपी को देहरादून क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है। पुलिस ने आरोपी को हरियाणा के यमुनानगर क्षेत्र से गिफ्तार किया"
देहरादून: देहरादून में एक महिला से अवैध पार्सल के नाम पर 1.70 करोड़ रुपये की ठगी करने वाले गिरोह के मुख्य आरोपी को पुलिस ने हरियाणा के यमुनानगर से गिरफ्तार किया है। इस मामले की जांच साइबर क्राइम पुलिस स्टेशन देहरादून ने की और डिजिटल साक्ष्यों के आधार पर आरोपी की पहचान और गिरफ्तारी संभव हो पाई।
फेडेक्स कॉल से शुरू हुई ठगी:
कुछ दिन पहले देहरादून की एक महिला ने साइबर क्राइम पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। महिला ने बताया कि उसे फेडेक्स कोरियर के नाम से एक कॉल आई, जिसमें कहा गया कि उसका एक पार्सल मुंबई से ताइवान भेजा गया है। इस पार्सल में 5 एटीएम कार्ड, 1 लैपटॉप, 5 पासपोर्ट, 5000 अमेरिकी डॉलर नकद, 200 ग्राम एमडीएमए ड्रग और अन्य सामान शामिल हैं। कॉल करने वाले ने महिला पर ड्रग तस्करी, मनी लॉन्ड्रिंग और चोरी जैसे आरोप लगाते हुए उसे गिरफ़्तार करने की धमकी दी।
डर का फायदा उठाकर ठगी:
आरोपी ने महिला को मुंबई आकर बयान देने या ऑनलाइन माध्यम से बयान दर्ज कराने के विकल्प दिए। महिला ने ऑनलाइन बयान देने का विकल्प चुना। इसके लिए उसे स्काइप ऐप डाउनलोड करवाया गया और मुंबई क्राइम ब्रांच से जुड़ा हुआ दिखाने के लिए वीडियो कॉल करवाई गई। आरोपी ने घंटों तक जांच प्रक्रिया का नाटक किया और महिला से बैंक खाते और आधार कार्ड की जानकारी मांगी।
पैसों की वेरिफिकेशन के नाम पर ठगी:
महिला को धमकाकर और जांच के नाम पर उसके बैंक खाते से 1.70 करोड़ रुपये ट्रांसफर करवा लिए गए। आरोपी ने भरोसा दिलाया कि वेरिफिकेशन के बाद पैसे वापस कर दिए जाएंगे। जब महिला को ठगी का एहसास हुआ, तो उसने पुलिस से शिकायत की।
पुलिस की कार्रवाई और गिरफ्तारी:
महिला द्वारा दी गई जानकारी के आधार पर साइबर क्राइम पुलिस ने तुरंत कार्रवाई शुरू की। बैंक खातों, मोबाइल नंबर और अन्य डिजिटल माध्यमों की जांच के बाद, मुख्य आरोपी मनी कुमार पुत्र सागर कुमार की पहचान की गई। आरोपी हरियाणा के यमुनानगर क्षेत्र का निवासी निकला। पुलिस ने उसे वहीं से गिरफ्तार कर लिया।
बरामदगी और जांच जारी:
पुलिस ने आरोपी से घटना में उपयोग किए गए उपकरणों और दस्तावेजों को जब्त कर लिया है। मामले में अन्य संभावित आरोपियों की पहचान और ठगी में इस्तेमाल किए गए नेटवर्क की जांच जारी है। इस घटना से पता चलता है कि साइबर अपराधियों द्वारा लोगों को डराकर ठगी करने की नई रणनीतियां अपनाई जा रही हैं।
चेतावनी:
पुलिस ने जनता से अपील की है कि किसी भी संदिग्ध कॉल, ईमेल या संदेश पर भरोसा न करें और ऐसी स्थिति में तुरंत पुलिस को सूचित करें।