देहरादून: मसूरी रोड पर फिर फटी पाइपलाइन, 144 करोड़ की यमुना पंपिंग योजना की गुणवत्ता पर उठे सवाल
"मसूरी रोड पर फिर फटी पाइपलाइन, पानी बर्बाद, 144 करोड़ की योजना पर सवाल"

देहरादून / मसूरी । देहरादून-मसूरी मार्ग पर यमुना पेयजल पंपिंग योजना की पाइपलाइन के बार-बार फटने की घटनाएं इस महत्वपूर्ण परियोजना की गुणवत्ता पर गंभीर सवाल खड़े कर रही हैं। 22 जून 2024 को मसूरी के गांधी चौक पर 144 करोड़ रुपये की लागत से बनी इस योजना की 6 इंच की पाइपलाइन का वॉल्व फट गया, जिससे हजारों लीटर पानी व्यर्थ बह गया और क्षेत्र में जलभराव की स्थिति उत्पन्न हो गई।
स्थानीय निवासियों की प्रतिक्रिया स्थानीय लोगों ने इस घटना पर नाराजगी जताते हुए कहा कि मसूरी के कई क्षेत्रों में पानी की कमी बनी हुई है, जबकि हाल ही में डाली गई पाइपलाइनें लीक हो रही हैं, जिससे पानी की बर्बादी हो रही है। उन्होंने जल निगम और गढ़वाल जल संस्थान के बीच समन्वय की कमी को भी उजागर किया, जिसके परिणामस्वरूप पेयजल आपूर्ति में बाधा आ रही है।
अधिकारियों की प्रतिक्रिया गढ़वाल जल संस्थान, मसूरी के अधिशासी अभियंता अमित कुमार ने बताया कि जल निगम द्वारा स्थापित पाइपलाइनें अभी तक उनके संस्थान को हस्तांतरित नहीं की गई हैं। उन्होंने यह भी कहा कि 6 इंच की पाइपलाइन का वॉल्व फटने से भारी मात्रा में पानी बर्बाद हुआ है।
पूर्व में भी उठे हैं सवाल यह पहली बार नहीं है जब इस परियोजना की गुणवत्ता पर सवाल उठे हैं। मार्च 2022 में, उत्तराखंड के मुख्य सचिव ने मसूरी यमुना पेयजल योजना के कार्यों में अव्यवस्था को लेकर जल निगम के मुख्य अभियंता को फटकार लगाई थी और सड़कों से मलबा तुरंत हटाने के निर्देश दिए थे।
यमुना पेयजल पंपिंग योजना की पाइपलाइन के बार-बार फटने और पानी की बर्बादी की घटनाएं परियोजना की गुणवत्ता और कार्यान्वयन पर गंभीर प्रश्नचिह्न लगाती हैं। स्थानीय निवासियों और अधिकारियों के बीच बेहतर समन्वय और परियोजना की गहन जांच आवश्यक है ताकि भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोका जा सके और मसूरीवासियों को निर्बाध पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित हो सके।