देहरादून में जमीन खरीद-बिक्री के नाम पर बड़ा घोटाला, सरकार ने कसी भू-कानून की लगाम

“भू-माफिया पर सख्त सरकार: 250 वर्गमीटर से अधिक जमीन खरीद पर जांच, बाहरी लोगों की खरीद-फरोख्त पर रोक”
देहरादून । देहरादून और उत्तराखंड के अन्य जिलों में भूमि खरीद-बिक्री के नाम पर बड़े पैमाने पर अनियमितताएं सामने आ रही हैं। राज्य सरकार ने भू-कानून के उल्लंघन के मामलों में सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में विधानसभा में एक कठोर भूमि विधेयक पारित किया गया है, जिससे बाहरी लोगों द्वारा कृषि भूमि की खरीद पर रोक लगाई गई है।

देहरादून, नैनीताल, हरिद्वार और ऊधमसिंहनगर जिलों में एक ही परिवार के सदस्यों द्वारा नगर निकाय क्षेत्रों से बाहर 250 वर्गमीटर से अधिक भूमि खरीदने के मामलों की जांच के आदेश दिए गए हैं। विधानसभा में पारित नए भू-कानून के तहत, राज्य के बाहर के लोग अब केवल सीमित मात्रा में ही भूमि खरीद सकते हैं, और इसके लिए विशेष अनुमति की आवश्यकता होगी।
भू-कानून के कसते शिकंजे के चलते, बाहरी लोग अपनी अवैध रूप से खरीदी गई जमीनों को स्थानीय लोगों को बेचने की कोशिश कर रहे हैं। सरकार ने स्थानीय लोगों से अपील की है कि वे ऐसे सौदों से बचें, क्योंकि ये जमीनें सरकार में निहित हो सकती हैं।
मुख्य सचिव ने सभी जिलाधिकारियों से भू-कानून के उल्लंघन के मामलों की रिपोर्ट एक सप्ताह के भीतर मांगी है। राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि भू-कानून का उल्लंघन कर खरीदी गई जमीनें, चाहे वे किसी को भी बेची जाएं, सरकार में निहित की जाएंगी।

मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि नया भू-कानून राज्य की सांस्कृतिक विरासत और पर्यावरण की रक्षा के लिए आवश्यक है। उन्होंने आश्वासन दिया है कि सरकार जनता के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है।