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भू-कानून और अन्य मांगों को लेकर देवप्रयाग से केदारनाथ धाम तक दंडवत यात्रा पर निकले लक्ष्मण सिंह बुटोला

"देवभूमि की रक्षा और गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करने की मांग"

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रुद्रप्रयाग । उत्तराखंड में भू-कानून, पर्यावरण संरक्षण, मूल निवास अधिकार और गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करने जैसी मांगों को लेकर समाजसेवी लक्ष्मण सिंह बुटोला ने देवप्रयाग से केदारनाथ धाम तक साष्टांग दंडवत यात्रा शुरू की है। 58 वर्षीय बुटोला ने बीते शनिवार को क्षेत्रीय लोगों की उपस्थिति में इस कठिन 170 किमी लंबी यात्रा का शुभारंभ किया। यात्रा के दौरान वे केवल फलाहार ग्रहण करेंगे।

देवप्रयाग से केदारनाथ तक साष्टांग दंडवत यात्रा

लक्ष्मण सिंह बुटोला ने बताया कि वे वर्षों से केदारनाथ धाम के प्रति गहरी आस्था रखते हैं और अब वे उत्तराखंड के विभिन्न सामाजिक व पर्यावरणीय मुद्दों को उठाने के लिए यह यात्रा कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि राज्य में स्वास्थ्य, शिक्षा, रोजगार और मूल निवास के अधिकार जैसे महत्वपूर्ण विषयों को गंभीरता से लेने की जरूरत है। साथ ही, वे केंद्र सरकार से गाय को राष्ट्रीय माता घोषित करने की अपील कर रहे हैं।

यात्रा मार्ग और पिछली यात्राएं

बुटोला की यह यात्रा देवप्रयाग के सबधारखाल से शुरू होकर खोलाचौरी, घुड़दौड़ी, पौड़ी, बुवाखाल, खिर्सू, खेड़ाखाल होते हुए खांकरा पहुंचेगी। इसके बाद वे जनपद रुद्रप्रयाग के रास्ते होते हुए केदारनाथ धाम तक दंडवत प्रणाम करते हुए जाएंगे। यह पहली बार नहीं है जब बुटोला ने इस तरह की यात्रा की हो। इससे पहले वे गोवर्धन गिरिराज की दो बार साष्टांग दंडवत यात्रा और नीलकंठ महादेव की 33 पदयात्राएं पूरी कर चुके हैं। यात्रा के शुभारंभ के अवसर पर पदयात्री अरविंद चंद, तीर्थ पुरोहित लक्ष्मी नारायण ध्यानी, सबल सिंह राणा और प्रवीण नेगी सहित अन्य लोग भी उपस्थित रहे।

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