मूल निवास-भू कानून संघर्ष समिति का शिष्टमंडल विधानसभा में सत्ता और विपक्ष से करेगा संवाद
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देहरादून । उत्तराखंड में ‘मूल निवास-भू कानून समन्वय संघर्ष समिति’ का एक शिष्टमंडल आगामी विधानसभा सत्र के दौरान सत्ता पक्ष और विपक्ष के नेताओं से मुलाकात करेगा। इस बैठक का उद्देश्य मूल निवास और भू-कानून से संबंधित मुद्दों पर उनके विचार जानना है। साथ ही, समिति 2022 विधानसभा चुनावों में भाजपा द्वारा किए गए वादों की प्रगति पर भी सवाल उठाएगी, विशेषकर मुफ्त बिजली और पानी की आपूर्ति जैसे वादों पर।
समिति के केंद्रीय संयोजक मोहित डिमरी ने कहा कि सरकार को मूल निवास 1950, स्थायी राजधानी गैरसैंण और मजबूत भू-कानून के प्रस्तावों को पारित करना चाहिए। उन्होंने चेतावनी दी कि यदि मांगें पूरी नहीं हुईं, तो उत्तराखंड राज्य आंदोलन से भी बड़ा आंदोलन शुरू किया जाएगा।
इससे पहले, समिति ने गैरसैंण के रामलीला मैदान में एक दिवसीय उपवास आयोजित किया था, जिसमें स्थायी राजधानी, मूल निवास 1950, और सशक्त भू-कानून की मांग की गई थी। समिति ने उत्तराखंड के लोगों को दिल्ली की तरह मुफ्त बिजली और पानी देने की भी वकालत की है। समिति ने सभी दलों के विधायकों से अनुरोध किया है कि वे आगामी विधानसभा सत्र में इन मुद्दों को प्रमुखता से उठाएं, ताकि राज्य के निवासियों के हितों की रक्षा हो सके।