देहरादून: उत्तराखंड में फर्जी को-ऑपरेटिव समिति के नाम पर करोड़ों रुपए की ठगी करने वाले पांच आरोपियों को पौड़ी पुलिस ने गिरफ्तार किया है। आरोपियों पर 189 करोड़ रुपए के गबन का आरोप है, और पुलिस को संदेह है कि उन्होंने राज्य के बाहर भी इसी तरह की धोखाधड़ी की है। पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हुआ है कि ठगे गए पैसे का एक हिस्सा हवाला के माध्यम से विदेश भेजा जा रहा था।
पौड़ी गढ़वाल एसपी लोकेश्वर सिंह ने इस मामले का खुलासा करते हुए बताया कि कोटद्वार निवासी तृती नेगी ने दुगड्डा स्थित लोनी अर्बन मल्टी स्टेट क्रेडिट एंड ट्रेफ्ट को-ऑपरेटिव सोसाइटी के मैनेजर दिनेश सिंह और कैशियर प्रज्ञा रावत के खिलाफ तहरीर दी थी। तृती नेगी ने आरोप लगाया कि दोनों ने आरडी खुलवाने के नाम पर पैसे तो लिए, लेकिन न तो कोई बांड दिया और न ही उनके पैसे जमा किए, जिससे वह धोखाधड़ी का शिकार हुईं।
पुलिस ने तहरीर के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू की। पौड़ी एसएसपी के निर्देश पर एक जांच टीम का गठन किया गया, जिसमें अपर पुलिस अधीक्षक कोटद्वार को शामिल किया गया। जांच के दौरान यह सामने आया कि गिरीश चंद्र सिंह बिष्ट ने 2016 में ऋषिकेश में एलयूसीसी कंपनी की शाखा खोली और लोगों को मोटे मुनाफे का लालच देकर उनके पैसे इकट्ठा किए। इसी तरह, उन्होंने उत्तराखंड में एलयूसीसी की करीब 35 शाखाएं खोलीं, जिनमें विभिन्न जनपदों जैसे पौड़ी, देहरादून, रुद्रप्रयाग, चमोली और उत्तरकाशी शामिल हैं।