आयुष त्रिपाठी/रक्सौल, बिहार: देश में लगातार बढ़ती महंगाई ने आम आदमी की परेशानियों को बढ़ा दिया है। खाद्य पदार्थों, ईंधन और अन्य आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में वृद्धि ने घरेलू बजट पर गहरा असर डाला है। सरकार ने इस समस्या से निपटने के लिए मौद्रिक नीतियों और ब्याज दरों में बदलाव जैसे कदम उठाए हैं, लेकिन इन नीतियों की प्रभावशीलता पर अब सवाल खड़े हो रहे हैं।
विशेषज्ञों का मानना है कि महंगाई को नियंत्रित करने के लिए दीर्घकालिक योजनाओं की जरूरत है। दूसरी ओर, जनता को तत्काल राहत देने के लिए सब्सिडी और आय समर्थन योजनाओं की मांग तेज हो रही है।
वित्त मंत्रालय के मुताबिक, वैश्विक आर्थिक अस्थिरता और ईंधन की कीमतों में बढ़ोतरी मुद्रास्फीति के मुख्य कारण हैं। सरकार का दावा है कि आने वाले महीनों में स्थिति में सुधार होगा, लेकिन आम जनता फिलहाल राहत की उम्मीद कर रही है।
यह मुद्रास्फीति देश के आर्थिक ढांचे के लिए एक चुनौती बनी हुई है, जिसका प्रभाव हर वर्ग महसूस कर रहा है।
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