UPES के दीक्षांत समारोह में केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल का संदेश: “फैसला देने वाला नहीं, न्याय देने वाला बने”
"यूपीईएस के स्कूल ऑफ लॉ के दीक्षांत समारोह में डिग्री पाकर खिले छात्रों के चेहरे"
देहरादून,उत्तराखंड: मल्टीडिसप्लनेरी विश्वविद्यालय यूपीईएस का 22वां दीक्षांत समारोह शुक्रवार को शुरू हुआ। इस अवसर पर स्कूल ऑफ हेल्थ साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी (एसओएचएसटी) और स्कूल ऑफ लॉ (एसओएल) के छात्रों को डिग्री प्रदान की गई। केंद्रीय कानून मंत्री अर्जुन राम मेघवाल ने मुख्य अतिथि के रूप में कार्यक्रम में भाग लिया।
अर्जुन राम मेघवाल ने छात्रों को संबोधित करते हुए कहा, “फैसला देने वाला नहीं, बल्कि न्याय देने वाले बनें।” उन्होंने कहा कि किसी भी मामले में कागज देखकर फैसला करना आसान है, लेकिन जब आप न्याय के लिए अपना फैसला सुनाएंगे, तो आप सबसे बड़े व्यक्ति बन जाएंगे। उन्होंने संविधान में समानता के महत्व पर जोर दिया, जो हर वर्ग के व्यक्ति की स्वतंत्रता सुनिश्चित करता है।
इस समारोह में मेधावी छात्रों को पदक देकर सम्मानित किया गया। कुलपति डॉ. राम शर्मा ने बताया कि 26 नवंबर तक विवि के सभी सात विद्यालयों के छात्रों को डिग्री प्रदान की जाएगी। कार्यक्रम में इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश न्यायमूर्ति जेजे मुनीर, उत्तराखंड के महाधिवक्ता एसएन बाबुलकर, सीएसआईआर के निदेशक जनरल डॉ. कलईसेलवी, और आईएनएसईआरएम पेरिस के निदेशक डॉ. श्रीनि कावेरी समेत अन्य शिक्षक और छात्र भी उपस्थित रहे।
यूसीसी पर भ्रम का खंडन
उत्तराखंड में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) लागू होने के सवाल पर अर्जुन राम मेघवाल ने कहा कि इस विषय पर कुछ लोगों में भ्रम फैलाया गया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यूसीसी सभी धर्मों और जातियों की सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है। इसके अलावा, लंबित मामलों के निपटारे के लिए सरकार और सुप्रीम कोर्ट दोनों चिंतित हैं। वाणिज्यिक न्यायालयों की संख्या बढ़ाई जा रही है और कुछ कानूनों में संशोधन भी किया गया है, जिससे निश्चित रूप से लंबित मामलों की संख्या में कमी आएगी।