सुद्धोवाला देहरादून के पास सैकड़ों साल पुराना मां बाला सुंदरी मंदिर: आस्था का केंद्र, मान्यताओं का प्रतीक
"मांडुवाला, देहरादून के शांत जंगलों में स्थित मां बाला सुंदरी के दिव्य इतिहास का करें अनुभव, जो आस्था और प्राचीन परंपराओं का पूजनीय प्रतीक है"
सुद्धोवाला, देहरादून: उत्तराखंड की राजधानी देहरादून से करीब 12 किलोमीटर की दूरी पर, मांडुवाला जंगलों के बीच स्थित महामाया मां बाला सुंदरी का प्राचीन मंदिर भक्तों की आस्था का केंद्र बना हुआ है। माना जाता है कि जो भी श्रद्धालु सच्चे मन से मन्नत लेकर यहां आता है और चुनरी बांधता है, उसकी मनोकामना जरूर पूर्ण होती है। अपनी इच्छा पूरी होने पर भक्त चुनरी खोलते हैं, माता का धन्यवाद करते हैं और प्रसाद वितरण करते हैं।
मां वैष्णो देवी का बालस्वरूप: मां बाला सुंदरी
मां बाला सुंदरी सेवा समिति के महामंत्री कालू सिंह ने बताया कि यह मंदिर मां वैष्णो देवी के बालस्वरूप को समर्पित है। सैकड़ों साल पुराने इस सिद्धपीठ से जुड़ी कई मान्यताएं हैं। ऐसा कहा जाता है कि हरियाणा और हिमाचल बॉर्डर पर स्थित मां बाला सुंदरी के मंदिर से यहां ज्योत लाई गई थी। यात्रा के दौरान जब शाम हो गई, तो लोग रुक गए। अगली सुबह ज्योत आगे बढ़ने के लिए उठी ही नहीं, जिसके बाद यहीं पर मंदिर का निर्माण कराया गया।
आस्था और आयोजन का केंद्र
यहां श्रद्धालु संतान प्राप्ति, सफलता, व्यापार में मुनाफा जैसी मनोकामनाएं लेकर आते हैं। मंदिर परिसर में चुनरी बांधने की परंपरा प्रचलित है। नवरात्रि के दौरान यहां भजन-कीर्तन और भंडारे का आयोजन होता है। हर रविवार को भी भंडारा आयोजित किया जाता है। नए साल पर विशेष कार्यक्रम भी आयोजित किए जाते हैं।
मंदिर का महत्व और विशेषता
मंदिर को लेकर भक्तों का कहना है कि यहां की आध्यात्मिक ऊर्जा अद्भुत है। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत और वर्तमान शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत भी यहां दर्शन कर चुके हैं।
कैसे पहुंचे मंदिर?
यह मंदिर प्रेमनगर में स्थित है और देहरादून शहर से 12 किलोमीटर दूर है। पास में ही प्रसिद्ध खाटू श्याम धाम भी है, जहां आप दर्शन कर सकते हैं। अगर आप यहां भंडारा, हवन, या अन्य पूजा-अर्चना का आयोजन करना चाहते हैं, तो आप मोबाइल नंबर 9411548529 पर संपर्क कर सकते हैं।