बिहार चुनाव 2025: 225 सीट जीतने के लक्ष्य पर एनडीए का फोकस, संयुक्त बैठकों का ऐलान
बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में 225 सीटों का लक्ष्य हासिल करने के लिए एनडीए ने जिला स्तर पर संयुक्त बैठकों का आयोजन करने का फैसला किया है। इन बैठकों में जदयू, भाजपा, लोजपा (रा.), हम (से.), और राष्ट्रीय लोक मोर्चा के नेता व कार्यकर्ता एक साथ चुनावी रणनीतियों पर चर्चा करेंगे। सोमवार को जदयू प्रदेश कार्यालय में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में गठबंधन के सभी घटक दलों के प्रदेश अध्यक्षों ने यह घोषणा की।
बूथ स्तर तक समन्वय पर जोर
जदयू के प्रदेश अध्यक्ष उमेश सिंह कुशवाहा और भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि इन बैठकों का उद्देश्य बूथ स्तर तक आपसी समन्वय मजबूत करना है। गठबंधन 2010 के एनडीए के 206 सीट जीतने के रिकॉर्ड को तोड़ने और इस बार 225 सीटें जीतने के लिए प्रयासरत है।
पांच चरणों में होंगी बैठकें
एनडीए की इन बैठकों का आयोजन पांच चरणों में किया जाएगा। पहले चरण में 15 जनवरी से 25 फरवरी के बीच विभिन्न जिलों में बैठकें होंगी, जिसकी शुरुआत बगहा जिले से होगी। मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई पिछली बैठक में इस योजना को अंतिम रूप दिया गया था।
वीडियो क्लिप से दिखेगा ‘भयावह बिहार’ का अतीत
संयुक्त अभियान के तहत युवाओं को विशेष रूप से एक वीडियो क्लिप दिखाने की योजना है, जिसमें 2005 से पहले के बिहार की स्थिति और उसके बाद हुए विकास को दर्शाया जाएगा। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिलीप जायसवाल ने कहा कि यह वीडियो युवाओं और कॉलेज छात्रों को यह समझाने के लिए दिखाया जाएगा कि बिहार ने किस प्रकार जातिवाद और अराजकता से विकास की ओर कदम बढ़ाए।
‘206 सीट का रिकॉर्ड तोड़ेंगे’ – उमेश कुशवाहा
जदयू प्रदेश अध्यक्ष उमेश कुशवाहा ने विश्वास जताया कि एनडीए 2010 के 206 सीटों के रिकॉर्ड को तोड़ने में कामयाब रहेगा। उन्होंने कहा कि लोकसभा चुनाव में एनडीए ने 177 विधानसभा सीटों पर बढ़त बनाई थी, जो जनता का एनडीए के प्रति विश्वास दर्शाता है।
सभी घटक दलों का साझा प्रयास
लोजपा (रा.) के प्रदेश अध्यक्ष राजू तिवारी ने कहा कि कार्यकर्ताओं के बीच बेहतर समन्वय से 225 सीटों का लक्ष्य पाना आसान होगा। वहीं, हम (से.) के प्रदेश अध्यक्ष अनिल कुमार ने कहा कि लोकसभा और उपचुनावों में एनडीए का शानदार प्रदर्शन जारी है। रालोमो के कार्यकारी प्रदेश अध्यक्ष मदन चौधरी ने कहा कि संयुक्त बैठकों से कार्यकर्ताओं का मनोबल बढ़ेगा और एनडीए की जीत सुनिश्चित होगी।
एनडीए का यह साझा अभियान गठबंधन के नेताओं और कार्यकर्ताओं को एकजुट करने के साथ-साथ विपक्ष को कड़ी चुनौती देने की तैयारी का संकेत है।