आयुष त्रिपाठी/रक्सौल, बिहार: बिहार के छोटे से गांव ताजपुर से निकलकर 13 वर्षीय वैभव सूर्यवंशी ने इतिहास रच दिया है। उन्होंने आईपीएल 2025 की नीलामी में सबसे युवा खिलाड़ी के रूप में अपनी जगह बनाई। उनकी गहरी मेहनत और असाधारण प्रतिभा के चलते राजस्थान रॉयल्स ने उन्हें ₹1.10 करोड़ में अपनी टीम में शामिल किया। वैभव के आदर्श वेस्टइंडीज के महान बल्लेबाज ब्रायन लारा हैं, जिनकी आक्रामक बल्लेबाजी और संयमित खेल शैली को वह अपनाना चाहते हैं।
शुरुआती जीवन और संघर्ष
वैभव का क्रिकेट करियर उनके पिता की प्रेरणा से शुरू हुआ। नौ साल की उम्र से बल्ला थामने वाले वैभव ने शुरुआत से ही अपनी अलग छाप छोड़ी। उनकी कड़ी मेहनत का फल उन्हें 2024 में मिला, जब उन्होंने सिर्फ 12 साल की उम्र में बिहार के लिए रणजी ट्रॉफी में डेब्यू किया। इसके साथ ही उन्होंने वीनू मांकड़ ट्रॉफी में अपनी टीम के लिए शानदार प्रदर्शन किया।
अंतरराष्ट्रीय पहचान
वैभव ने 2024 में भारतीय अंडर-19 टीम का हिस्सा बनकर ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ यादगार प्रदर्शन किया। उन्होंने अपने डेब्यू मैच में सिर्फ 58 गेंदों पर शतक लगाकर दुनिया का ध्यान अपनी ओर खींचा। यह पारी न केवल उनकी प्रतिभा को दर्शाती है, बल्कि भविष्य में उनके बड़े मंच पर सफलता पाने की संभावनाओं को भी मजबूत करती है।
उपलब्धियां और विवाद
वैभव की कम उम्र में सफलता ने उन्हें सुर्खियों में ला दिया है। हालांकि, उनकी उम्र को लेकर विवाद भी उठे हैं, लेकिन उनकी कड़ी मेहनत और प्रदर्शन ने हर आलोचना को पीछे छोड़ दिया है। आईपीएल में चयन के साथ उन्होंने यह साबित कर दिया है कि प्रतिभा और जुनून के आगे हर चुनौती छोटी पड़ जाती है।
निष्कर्ष
वैभव सूर्यवंशी की कहानी उस जज्बे की मिसाल है जो हर कठिनाई को पार कर अपनी मंजिल पाता है। उनकी सफलता ने यह दिखाया है कि छोटे गांव से लेकर बड़े मंच तक का सफर मेहनत, लगन और सपनों में यकीन के दम पर तय किया जा सकता है। क्रिकेट का यह युवा सितारा भारतीय क्रिकेट के भविष्य के लिए एक आशा की किरण है।