नई दिल्ली: 26 नवंबर 2024 को संविधान दिवस के मौके पर एक विशेष कार्यक्रम का आयोजन संविधान सदन में हुआ, जिसमें राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने अपना प्रेरणादायक संबोधन दिया। इस अवसर पर उन्होंने भारतीय संविधान की ऐतिहासिक और मौलिक भूमिका पर प्रकाश डाला और उसके महत्व को समझाया।
राष्ट्रपति मुर्मू ने कहा कि भारतीय संविधान न केवल हमारे देश के लोकतांत्रिक मूल्यों का आधार है, बल्कि यह एक मजबूत और प्रगतिशील भारत की नींव भी रखता है। उन्होंने संविधान के प्रावधानों की सराहना की, जो भारत को एक विविधतापूर्ण और बहुसांस्कृतिक देश के रूप में जोड़ते हैं।
राष्ट्रपति ने संविधान के द्वारा दी गई मूलभूत स्वतंत्रताओं और अधिकारों का जिक्र करते हुए कहा कि यह प्रत्येक नागरिक को न्याय, समानता और स्वतंत्रता की गारंटी देता है। उन्होंने संविधान के अंतर्गत स्थापित संस्थाओं की भूमिका को भी सराहा, जो देश की राजनीतिक और प्रशासनिक व्यवस्था को मजबूत बनाती हैं।
इसके साथ ही राष्ट्रपति ने भारतीय संविधान की बुनियादी धारा की महत्वता पर जोर दिया, जो न केवल कानून की ताकत देती है, बल्कि यह समाज के हर वर्ग के लिए समान अवसर और अधिकार सुनिश्चित करती है। उन्होंने यह भी बताया कि संविधान का उद्देश्य न केवल नागरिकों के अधिकारों का संरक्षण करना है, बल्कि यह देश की विविधता को सम्मान भी देता है।
राष्ट्रपति ने देशवासियों से संविधान के मूल्यों का पालन करने की अपील की और कहा कि हम सभी को मिलकर इसे सशक्त बनाना है। इसके साथ ही उन्होंने युवाओं से संविधान के प्रति अपनी जिम्मेदारी को समझने और इसके महत्व को आगामी पीढ़ी तक पहुंचाने की बात भी कही।
इस कार्यक्रम में केंद्रीय मंत्री, सांसद, न्यायधीश और अन्य गणमान्य लोग भी मौजूद थे, जिन्होंने संविधान के प्रति अपनी श्रद्धा और सम्मान व्यक्त किया। संविधान दिवस का यह आयोजन देशवासियों को उनके अधिकारों और कर्तव्यों के प्रति जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण अवसर है।