भुवनेश्वर: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भुवनेश्वर में आयोजित पुलिस महानिदेशक (DGP) और पुलिस महानिरीक्षक (IGP) के 59वें अखिल भारतीय सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए डिजिटल धोखाधड़ी, साइबर अपराध, और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) तकनीक के खतरों पर गंभीर चिंता व्यक्त की। उन्होंने खासतौर पर डीपफेक तकनीक का जिक्र करते हुए कहा कि यह सामाजिक और पारिवारिक संबंधों को बाधित कर सकता है।
प्रधानमंत्री ने पुलिस के कामकाज को प्रभावी और आधुनिक बनाने के लिए तकनीकी साधनों के व्यापक उपयोग का सुझाव दिया। उन्होंने कहा कि पुलिस कांस्टेबलों के कार्यभार को कम करने और पुलिसिंग को अधिक प्रभावी बनाने के लिए प्रौद्योगिकी का उपयोग आवश्यक है।
इसके साथ ही प्रधानमंत्री ने पुलिस स्टेशनों को संसाधन आवंटन का केंद्र बिंदु बनाने का सुझाव दिया, जिससे हर स्तर पर पुलिस बल को बेहतर उपकरण और तकनीकी सहायता उपलब्ध कराई जा सके। सम्मेलन में उन्होंने कानून-व्यवस्था, साइबर सुरक्षा और राष्ट्रीय सुरक्षा जैसे प्रमुख विषयों पर भी चर्चा की।
यह सम्मेलन 30 नवंबर से 1 दिसंबर 2024 तक भुवनेश्वर में आयोजित किया गया था। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल सहित विभिन्न राज्यों के पुलिस अधिकारियों ने भाग लिया।