देहरादून, उत्तराखंड: आज, 25 दिसंबर को पूरी दुनिया में क्रिसमस का त्योहार धूमधाम से मनाया जा रहा है। यह दिन ईसाई धर्म में विशेष रूप से महत्वपूर्ण है, क्योंकि इसे ईसा मसीह (Jesus Christ) के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। इस अवसर पर धार्मिक और सांस्कृतिक गतिविधियों का आयोजन होता है। आइए जानते हैं इस पर्व से जुड़ी खास बातें और दुनियाभर में इसे मनाने के तरीके।
क्रिसमस का ऐतिहासिक महत्व
क्रिसमस को ईसा मसीह के जन्म की स्मृति में मनाया जाता है। माना जाता है कि लगभग 2000 साल पहले, बेथलेहम (Bethlehem) में माता मरियम और यूसुफ के बीच ईसा मसीह का जन्म हुआ था। उनके जन्म को मानवता के लिए एक नई शुरुआत और प्रेम का प्रतीक माना जाता है।
यह तिथि:
- रोमन साम्राज्य के समय के सैटर्नालिया पर्व और सूर्य देवता के उत्सव के साथ जुड़ी हुई मानी जाती है।
- 4वीं शताब्दी में ईसाई धर्म ने 25 दिसंबर को ईसा मसीह के जन्मदिन के रूप में मान्यता दी।
मनाने की परंपराएं
क्रिसमस न केवल एक धार्मिक पर्व है, बल्कि यह परिवार, दोस्ती और समाज के बीच एकजुटता का प्रतीक भी है।
1. चर्च सेवाएं और प्रार्थना
- आज के दिन लोग चर्च में जाकर विशेष प्रार्थना सभाओं और मिडनाइट मास में भाग लेते हैं।
- नवजात मसीह के प्रति श्रद्धा व्यक्त करते हुए प्रार्थनाएं की जाती हैं।
2. सजावट और रोशनी
- क्रिसमस ट्री: हर घर में एक हरे देवदार के पेड़ को लाइट्स, सितारों और गहनों से सजाया जाता है।
- झिलमिलाती लाइट्स और विनीत्स (Wreaths): घरों और गलियों में रंग-बिरंगी रोशनी का खास महत्व है।
3. सांता क्लॉज और तोहफे
- बच्चों के लिए सांता क्लॉज का खास इंतजार रहता है। यह प्यारा पात्र गिफ्ट्स और मिठाइयों के साथ खुशियां बांटने का प्रतीक है।
- एक-दूसरे को उपहार देकर और शुभकामनाएं भेजकर लोग त्योहार की खुशियां बांटते हैं।
4. पारंपरिक भोजन
- इस दिन रोस्टेड टर्की, केक, प्लम पुडिंग, मिठाइयां, और हॉट चॉकलेट जैसे खास पकवान बनाए जाते हैं।
- भारत में यह त्योहार खासतौर पर गोवा, केरल, और पूर्वोत्तर राज्यों में धूमधाम से मनाया जाता है।
आधुनिक समय में क्रिसमस
- भारत जैसे विविधता भरे देश में भी क्रिसमस का उत्साह देखा जाता है। चर्चों में प्रार्थनाएं होती हैं, जबकि मॉल और बाजार सजावट और सेल से भरे होते हैं।
- दुनिया भर में, यह पर्व धर्म से परे एक सांस्कृतिक त्योहार बन चुका है।
क्रिसमस का संदेश
क्रिसमस केवल उत्सव का दिन नहीं, बल्कि प्रेम, शांति, दया और आशा का संदेश भी है। यह त्योहार हमें एक-दूसरे की मदद करने, गरीबों और जरूरतमंदों की सहायता करने और मानवता के प्रति जिम्मेदारी निभाने की प्रेरणा देता है।