Delhi Elections: जाति धर्म और प्रवासी मुद्दों की एंट्री दल एक-दूसरे को घेरने में जुटे
नई दिल्ली। दिल्ली विधानसभा चुनाव 2025 की तारीख नजदीक आते ही राजनीतिक माहौल गरमाता जा रहा है। इस बार चुनावी मैदान में जाति, धर्म और प्रवासी मुद्दे भी प्रमुख चर्चा का विषय बन गए हैं। अलग-अलग राजनीतिक दल इन मुद्दों का इस्तेमाल एक-दूसरे को घेरने के लिए कर रहे हैं, जिससे दिल्ली की सियासत में नई जटिलताएं उत्पन्न हो रही हैं।
भा.ज.पा. और आम आदमी पार्टी (आप) के बीच आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला जारी है, जहां दोनों पार्टियां एक-दूसरे पर वोट बैंक की राजनीति करने का आरोप लगा रही हैं। भाजपा का कहना है कि दिल्ली में हिंदू समुदाय के अधिकारों को दबाया जा रहा है, जबकि आप का आरोप है कि भाजपा जातिवाद और धर्मवाद का सहारा लेकर वोटों का ध्रुवीकरण कर रही है।
वहीं, कांग्रेस भी चुनावी मैदान में अपनी उपस्थिति दर्ज कराते हुए प्रवासी मुद्दे को उठाकर दिल्ली के अंदर बाहरी लोगों के खिलाफ एक राजनीतिक माहौल बनाने की कोशिश कर रही है। इस बीच, स्थानीय निवासी और शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य जैसी बुनियादी समस्याओं पर भी बहस छिड़ी हुई है।
इस चुनाव में दिल्ली के मतदाताओं के बीच जाति, धर्म और प्रवासी के मुद्दे किस हद तक महत्वपूर्ण साबित होते हैं, यह आने वाले समय में साफ होगा। सभी दलों की कोशिश है कि वे इन मुद्दों को लेकर अधिक से अधिक समर्थन जुटा सकें।