पहले दिन 60 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी; कल ‘अमृत स्नान’ का आयोजन
"प्रयागराज में महाकुंभ मेला 2025 का शुभारंभ, पहले दिन 60 लाख श्रद्धालुओं ने लगाई पवित्र डुबकी"
जय पाण्डे / प्रयागराज । बहुप्रतीक्षित महाकुंभ मेला 2025 का आज प्रयागराज में भव्य शुभारंभ हुआ। पवित्र पौष पूर्णिमा के अवसर पर गंगा, यमुना और काल्पनिक सरस्वती नदियों के संगम में स्नान करने के लिए लगभग 60 लाख श्रद्धालु एकत्र हुए। यह 45 दिनों तक चलने वाला यह भव्य आध्यात्मिक आयोजन लगभग 40 करोड़ लोगों को आकर्षित करने की उम्मीद है, जो भारत की अनुपम सांस्कृतिक और आध्यात्मिक विरासत का प्रतीक है।
पहला मुख्य शाही स्नान मकर संक्रांति के दिन 14 जनवरी 2025 को होगा। अन्य महत्वपूर्ण स्नान तिथियां हैं 29 जनवरी को मौनी अमावस्या, 3 फरवरी को बसंत पंचमी, और 26 फरवरी को महाशिवरात्रि। ये शुभ स्नान तिथियां हिंदू परंपरा में अत्यंत महत्वपूर्ण हैं, और लाखों श्रद्धालुओं के सम्मिलित होने की संभावना है।
श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को संभालने के लिए एक मजबूत सात-परत सुरक्षा प्रणाली तैनात की गई है, जिसमें 40,000 सुरक्षा कर्मी, ड्रोन और सीसीटीवी कैमरे शामिल हैं। पानी में सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए फ्लोटिंग पुलिस चौकियां बनाई गई हैं। श्रद्धालुओं की आपातकालीन ज़रूरतों के लिए एनएच-19 के किनारे कई अस्पताल और चिकित्सा शिविर स्थापित किए गए हैं। मार्गदर्शन और शिकायत निवारण के लिए क्यूआर कोड प्रणाली भी उपलब्ध कराई गई है।
परंपरा और आधुनिकता का संगम दिखाते हुए, इस बार के महाकुंभ में हेलिकॉप्टर सवारी सिर्फ ₹1,296 में उपलब्ध है, जिससे श्रद्धालु मेले का अद्भुत हवाई दृश्य देख सकते हैं। डिजिटल तकनीकों का उपयोग कर उन्नत भीड़ प्रबंधन प्रणाली भी लागू की गई है।
महाकुंभ मेला अपनी वैश्विक आध्यात्मिक अपील को भी प्रदर्शित कर रहा है, जिसमें रूस, दक्षिण अफ्रीका और स्पेन जैसे देशों के श्रद्धालु भाग ले रहे हैं। प्रमुख आध्यात्मिक नेताओं जैसे स्वामी अवधेशानंद गिरि और चिदानंद सरस्वती ने मेले को संबोधित किया और नदी संरक्षण व आध्यात्मिक जागृति का संदेश दिया।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ मेले को “भारत की एकता में विविधता का प्रतीक” बताया। वहीं, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस आयोजन को भारतीय परंपराओं और मूल्यों का जीवंत प्रतीक बताते हुए अपनी शुभकामनाएं प्रेषित कीं।
परंपरा, तकनीक और आध्यात्मिकता का संगम बन चुका महाकुंभ मेला 2025 श्रद्धालुओं के लिए अविस्मरणीय अनुभव और भारत की समृद्ध धरोहर का प्रतीक साबित हो रहा है।