नई दिल्ली । मणिपुर में जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने भाजपा सरकार से अपना समर्थन वापस ले लिया है। मणिपुर विधानसभा में भाजपा के पास 32 सीटें हैं, जो बहुमत के लिए पर्याप्त हैं। जेडीयू के 6 विधायक थे, जो अब सरकार का हिस्सा नहीं रहेंगे। यह फैसला ऐसे समय में आया है जब मणिपुर में कानून-व्यवस्था को लेकर भाजपा पहले से ही विपक्ष के निशाने पर है।
बिहार चुनाव पर संभावित प्रभाव
बिहार में इसी साल अक्टूबर के आसपास विधानसभा चुनाव होने वाले हैं। नीतीश कुमार के इस कदम को भाजपा पर सीट बंटवारे के लिए दबाव बनाने की रणनीति के तौर पर देखा जा रहा है। इससे बिहार में जेडीयू और भाजपा के गठबंधन को लेकर नए सियासी समीकरण बन सकते हैं।
भाजपा सरकार पर कोई तात्कालिक खतरा नहीं
मणिपुर विधानसभा में भाजपा के पास 32, एनपीएफ के 5, एनपीपी के 7, कांग्रेस के 5 और केपीए के 2 विधायक हैं। जेडीयू के समर्थन वापसी के बावजूद सरकार पर तत्काल कोई संकट नहीं है, लेकिन इसके दूरगामी राजनीतिक प्रभाव जरूर हो सकते हैं। दिल्ली और पटना में इस फैसले के बड़े राजनीतिक मायने निकाले जा रहे हैं, जो आने वाले चुनावों में असर डाल सकते हैं।