Dehradun News-उत्तराखंड में यूनिफॉर्म सिविल कोड (UCC) लागू: जानिए नए कानून के प्रमुख बिंदु और प्रभाव
"उत्तराखंड में UCC लागू होने से भारत के अन्य राज्यों के लिए भी एक मिसाल कायम हुई है। हालांकि, लोगों में जागरूकता बढ़ाने और स्पष्ट जानकारी देने की जरूरत है ताकि वे इस नए कानून को लेकर सही निर्णय ले सकें"
UCC क्या है और यह क्यों जरूरी है?
यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code – UCC) एक ऐसा कानून है, जो सभी नागरिकों के लिए विवाह, तलाक, संपत्ति उत्तराधिकार, गोद लेना और लिव-इन रिलेशनशिप से जुड़े नियमों को समान बनाता है। यह धर्म, जाति और लिंग के आधार पर किसी प्रकार का भेदभाव नहीं करता। उत्तराखंड सरकार ने 27 जनवरी 2025 को भारत में पहली बार UCC को लागू किया, जिससे देशभर में इस कानून को लेकर चर्चाएं बढ़ गई हैं।
UCC के प्रमुख प्रावधान
विवाह और तलाक के समान नियम
- सभी धर्मों के लिए विवाह और तलाक की समान प्रक्रिया।
- विवाह पंजीकरण अनिवार्य होगा।
- बहुविवाह (एक से अधिक विवाह) पर प्रतिबंध।
लिव-इन रिलेशनशिप का पंजीकरण अनिवार्य
- जोड़े जो पहले से लिव-इन रिलेशनशिप में हैं, उन्हें 1 महीने के भीतर पंजीकरण कराना होगा।
- नए जोड़ों को अस्थायी प्रमाणपत्र मिलेगा, जिसे अंतिम पंजीकरण के बाद फाइनल किया जाएगा।
- पंजीकरण न कराने पर 6 महीने की जेल या ₹25,000 का जुर्माना।
संपत्ति उत्तराधिकार और वसीयत के समान कानून
- सभी धर्मों के लिए संपत्ति उत्तराधिकार कानून समान होगा।
- बेटियों को पिता की संपत्ति में बराबर का अधिकार मिलेगा।
- वसीयत का पंजीकरण अनिवार्य किया जाएगा।
गोद लेने और कानूनी संरक्षकता के समान नियम
- सभी नागरिकों के लिए एक समान गोद लेने के नियम।
- पुरुषों और महिलाओं को बराबर अधिकार दिए जाएंगे।
जबरन धर्म परिवर्तन पर रोक
- शादी के लिए धर्म परिवर्तन को अवैध माना जाएगा।
- जबरन धर्म परिवर्तन करने पर कड़ी सजा और कानूनी कार्रवाई होगी।
वरिष्ठ नागरिकों और विधवाओं के अधिकारों की सुरक्षा
- वरिष्ठ नागरिकों और विधवाओं को विशेष कानूनी सुरक्षा दी जाएगी।
- पारिवारिक उपेक्षा की स्थिति में वे कानूनी सहायता ले सकते हैं।
UCC लागू होने के बाद लोगों की प्रतिक्रिया
उत्तराखंड में UCC लागू होने के बाद से कई जोड़े लिव-इन पंजीकरण को लेकर चिंतित हैं। अभी तक लिव-इन रिलेशनशिप के लिए कोई पंजीकरण नहीं हुआ है, जिससे स्पष्ट होता है कि लोग “रुको और देखो” की नीति अपना रहे हैं।
UCC के फायदे और चुनौतियाँ
फायदे
✔ सभी नागरिकों के लिए समान अधिकार और कर्तव्य।
✔ धर्म, जाति और लिंग के आधार पर भेदभाव खत्म होगा।
✔ महिलाओं और बेटियों को संपत्ति में बराबर का अधिकार मिलेगा।
✔ पारिवारिक विवादों को कम करने में मदद मिलेगी।
चुनौतियाँ
❌ लोगों में जागरूकता की कमी, जिससे गलत धारणाएँ फैल रही हैं।
❌ लिव-इन रिलेशनशिप पंजीकरण पर गोपनीयता को लेकर चिंता।
❌ धार्मिक समूहों में कुछ विरोध और असहमति।