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Haridwar News: हरिद्वार प्लास्टिक प्रदूषण और भूस्खलन से धार्मिक स्थलों को खतरा

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सोहन सिंह बिष्ट / देहरादून । उत्तराखंड की पवित्र नगरी हरिद्वार में प्लास्टिक प्रदूषण और भूस्खलन की समस्याएं बढ़ती जा रही हैं, जिससे धार्मिक स्थलों की पवित्रता और सुरक्षा पर गंभीर खतरा मंडरा रहा है। हाल ही में किए गए एक अध्ययन के अनुसार, हरिद्वार में प्रतिदिन लगभग 11 टन प्लास्टिक कचरा उत्पन्न होता है, जो त्योहारों के दौरान दोगुना हो जाता है। यह कचरा गंगा के घाटों और खाली स्थानों पर फेंका जाता है, जिससे नदी में प्रदूषण बढ़ रहा है।

इसके अतिरिक्त, मनसा देवी मंदिर की पहाड़ियों पर हो रहे भूस्खलन से मंदिर और आसपास के क्षेत्रों को खतरा उत्पन्न हो गया है। विशेषज्ञों के अनुसार, अतिक्रमण और पेड़ों की कटाई के कारण पहाड़ी कमजोर हो गई है, जिससे भूस्खलन की घटनाएं बढ़ रही हैं। राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने हरिद्वार प्रशासन को मनसा देवी मंदिर परिसर के आसपास के अतिक्रमण को हटाने का निर्देश दिया है, लेकिन स्थिति में सुधार की आवश्यकता बनी हुई है।

इन समस्याओं के समाधान के लिए प्रशासन, मंदिर समितियों और स्थानीय जनता को मिलकर कार्य करने की आवश्यकता है, ताकि हरिद्वार की धार्मिक और प्राकृतिक धरोहर को संरक्षित रखा जा सके। मनसा देवी मंदिर की पहाड़ियों पर भूस्खलन की स्थिति को और बेहतर समझने के लिए, आप नीचे दिया गया वीडियो देख सकते हैं ।

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