सुद्धोवाला में शराब की दुकान के विरोध में 101 दिन से जारी धरना, SDM और विधायक ने किया संवाद
सुद्धोवाला / देहरादून । ग्राम सुद्धोवाला में ग्रामीणों का आक्रोश सामने आया है, जब उन्होंने 101 दिनों से शराब की दुकान खोलने के खिलाफ धरना जारी रखा है। इस विरोध प्रदर्शन में ग्रामीणों का कहना है कि यह उनके गांव का मामला है और सरकार व प्रशासन द्वारा इस मुद्दे पर की गई अनदेखी ने उन्हें मजबूर किया है।
हाल ही में, एसडीएम विकास नगर, और विधायक सहसपुर श्री सहदेव सिंह पुंडीर ने धरने पर बैठे ग्रामीणों से संवाद करने की कोशिश की। इस दौरान उन्हें ग्रामीणों के तीव्र आक्रोश का सामना करना पड़ा। विधायक सहदेव सिंह पुंडीर ने ग्रामीणों को आश्वस्त करते हुए कहा, “यह मेरा गांव है और मैं गांव के साथ हूं।” इसके बाद ग्रामीण कुछ हद तक शांत हुए, लेकिन सरकार के प्रति उनका आक्रोश बरकरार है।
ग्रामीणों का कहना है कि 20 अक्टूबर 2024 को ग्राम प्रधान के नेतृत्व में शराब की दुकान खोलने के खिलाफ दुकान मालिक से निवेदन किया गया था, लेकिन वह अपनी जिद पर अड़ा रहा। इसके बाद 24 अक्टूबर 2024 को ग्रामीणों ने डीएम कार्यालय में जाकर वार्ता की, जहां डीएम की अनुपस्थिति में एडीएम से वार्ता हुई और उन्होंने आश्वासन दिया था। बावजूद इसके, आवकारी विभाग ने दुकान मालिक को नियमों की अनदेखी करते हुए लाइसेंस जारी कर दिया, जिसके बाद ग्रामीणों ने 26 अक्टूबर 2024 से धरना शुरू कर दिया।
ग्रामीणों का कहना है कि 11 नवंबर 2024 को पुनः डीएम जनता दरबार में गए, लेकिन उस दिन भी डीएम की अनुपस्थिति में सीडीओ ने आवकारी विभाग को आदेश दिए। इसके बाद, कुछ ही दिनों में आवकारी अधिकारी आए और ग्रामीणों को आश्वस्त किया कि दुकान नहीं खुलेगी। लेकिन फिर आवकारी विभाग ने कोर्ट को बताया कि ग्रामीण मसाज पार्लर का विरोध कर रहे थे, और दुकान मालिक ने यह भी कहा कि वह अब मसाज पार्लर नहीं खोलेगा। इसके बाद कोर्ट ने आदेश दिया कि ग्रामीण 100 मीटर की दूरी पर प्रदर्शन करें। इस आदेश के खिलाफ भी ग्रामीण कोर्ट गए, और कोर्ट ने DM देहरादून को ग्रामीणों से वार्ता करने का आदेश दिया।
यह घटना स्थानीय पुलिस की रिपोर्ट को नजरअंदाज करने की ओर भी इशारा करती है, जिसमें दुकान खोलने के खिलाफ विरोध दर्ज किया गया था। ग्रामीणों का आरोप है कि आवकारी विभाग पूरी तरह से दुकान मालिक के पक्ष में खड़ा है, और सरकार की आवकारी नीति भी सवालों के घेरे में है। दुकान मालिक ने खुलेआम धमकी दी है कि उसकी ऊंची पहुंच है और वह दुकान खोलकर रहेगा, जिससे ग्रामीणों में और भी गुस्सा बढ़ा है।
ग्रामीणों का कहना है कि अगर उनकी बातों को नजरअंदाज किया गया, तो इसके परिणाम के लिए शासन-प्रशासन ही जिम्मेदार होगा। इस मामले ने पूरे क्षेत्र में हलचल मचा दी है और ग्रामीणों में सरकार के प्रति गहरा आक्रोश है। उत्तराखंड, जो अपनी देव भूमि के लिए प्रसिद्ध है, अब वहां की ग्रामीण इलाकों में शराब की दुकानें खुलने को लेकर विवादों में घिरा हुआ है। ऋषिकेश, देवप्रयाग जैसे धार्मिक स्थलों पर भी शराब की दुकानें खुलने से आस्था और धार्मिक भावनाओं के साथ खिलवाड़ हो रहा है, जिससे लोगों का विश्वास सरकार से उठता जा रहा है।
ग्रामीणों की यह स्थिति चिंता का विषय बन गई है, और आने वाले दिनों में यदि इस मुद्दे का समाधान नहीं निकला, तो यह एक बड़ा जन आक्रोश बन सकता है, जिसके परिणामस्वरूप प्रशासन को ही जवाबदेह ठहराया जाएगा।
यह आंदोलन ग्राम प्रधान मुनिश देवी के नेतृत्व में चल रहा है। ग्रामीणों का कहना है कि शराब का ठेका समाज और युवा पीढ़ी पर नकारात्मक प्रभाव डालेगा, जिससे क्षेत्र का माहौल खराब हो सकता है।
ग्रामीणों ने प्रशासन को ठेके की अव्यवस्था और अनुचित स्थान को लेकर कई महत्वपूर्ण बिंदु बताए। सुद्धोवाला निवासी राकेश भट्ट ने कहा कि प्रस्तावित ठेके के स्थान से लगभग 500 मीटर की दूरी पर बालासुंदरी मंदिर स्थित है। इसके अलावा, पास ही एक चर्च और स्कूल भी है। क्षेत्र में मौजूद एस-टर्निंग सड़क सुरक्षा के लिहाज से बेहद संवेदनशील है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ सकता है।
यह सब मिलाकर यह मुद्दा अब एक बड़ा जनआक्रोश बन चुका है, और यदि जल्द समाधान नहीं निकला, तो यह सरकार और प्रशासन के लिए बड़ी चुनौती बन सकता है।
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