Pithoragarh: 60 घर वीरान 200 की बस्ती में सिर्फ बुजुर्ग न रोजगार न शिक्षा ऊपर से जंगली खतरा
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देहरादून। उत्तराखंड के पिथौरागढ़ जिले में पलायन की समस्या गंभीर होती जा रही है। यहां के कई गांव वीरान हो चुके हैं, और जो बचे हैं, वहां सिर्फ बुजुर्ग ही रह गए हैं। ऐसा ही हाल एक छोटे से गांव का है, जहां करीब 60 घरों पर ताले लगे हैं और 200 की आबादी वाले इस गांव में अब सिर्फ बुजुर्ग बचे हैं।
न रोजगार, न शिक्षा, कैसे रुके पलायन?
गांव के युवाओं ने रोजगार और बेहतर शिक्षा की तलाश में शहरों का रुख कर लिया है। खेती पर निर्भर यह गांव अब सुविधाओं के अभाव में दम तोड़ रहा है। स्कूल और स्वास्थ्य केंद्र की कमी ने स्थिति को और खराब कर दिया है।
जंगली जानवरों का डर अलग
जो बुजुर्ग गांव में रह गए हैं, उन्हें जंगली जानवरों के हमले का खतरा हर वक्त बना रहता है। तेंदुए और भालू के हमले की घटनाएं आम हो चुकी हैं, जिससे लोगों में दहशत है।
सरकार से उम्मीदें, पर समाधान नहीं
गांव के लोग सरकार से उम्मीद लगाए बैठे हैं कि पलायन रोकने के लिए रोजगार और बुनियादी सुविधाएं मुहैया कराई जाएं। लेकिन अभी तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे गांव धीरे-धीरे खाली होता जा रहा है।