Uttarakhand: पहले लैपटॉप भी नहीं चलाया आज बेटियां बन रहीं हैं ड्रोन पायलट ऊंची उड़ान भर रही हैं

देहरादून। यह खबर उत्तराखंड में महिलाओं की शिक्षा और सशक्तिकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम को दर्शाती है। पहले जहां ग्रामीण और वंचित वर्ग की लड़कियों के पास लैपटॉप जैसी सुविधाएं भी नहीं होती थीं, वहीं आज वे ड्रोन पायलट बनने के लिए प्रशिक्षित हो रही हैं। राज्य सरकार की ‘ड्रोन दीदी’ योजना के तहत, 52 युवतियां ड्रोन उड़ाने और उसे असेंबल करने का प्रशिक्षण ले रही हैं। इस योजना के माध्यम से उन्हें न केवल तकनीकी कौशल प्राप्त हो रहा है, बल्कि यह उनकी भविष्य की संभावनाओं को भी ऊंचा कर रहा है।
इसके तहत, युवतियों को 37 दिनों का प्रशिक्षण दिया जाता है, और सफल प्रशिक्षुओं को भारत सरकार का प्रमाणपत्र दिया जाएगा। इसके अलावा, राज्य सरकार द्वारा यात्रा, रहने और खाने की सुविधा भी प्रदान की जाती है। इस प्रशिक्षण के बाद, इन युवतियों के पास ड्रोन सेवाओं के क्षेत्र में काम करने के कई अवसर होंगे, जिससे वे अपने जीवन में आत्मनिर्भरता और सफलता की नई ऊंचाइयां छू सकती हैं।