Uttarakhand: सभी मंत्रियों, विधायकों और अधिकारियों के घरों में लगेंगे स्मार्ट मीटर, सीएम ने दिए निर्देश
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देहरादून । उत्तराखंड सरकार ने ऊर्जा सुधारों को गति देने के लिए एक अहम फैसला लिया है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने निर्देश दिए हैं कि सभी मंत्रियों, विधायकों और सरकारी अधिकारियों के सरकारी आवासों पर स्मार्ट मीटर लगाए जाएं। यह कदम बिजली चोरी रोकने, बिजली आपूर्ति को पारदर्शी बनाने और उपभोक्ताओं को सटीक बिलिंग की सुविधा देने के उद्देश्य से उठाया गया है।
स्मार्ट मीटर लगाने का उद्देश्य
मुख्यमंत्री के इस फैसले के पीछे कई महत्वपूर्ण कारण हैं—
- बिजली चोरी पर रोक: स्मार्ट मीटर से रियल-टाइम डेटा मिलेगा, जिससे बिजली चोरी की संभावना कम होगी।
- पारदर्शिता: यह सुनिश्चित होगा कि बिजली खपत और बिलिंग में किसी भी तरह की गड़बड़ी न हो।
- रियल-टाइम मॉनिटरिंग: उपभोक्ताओं और अधिकारियों को यह पता चल सकेगा कि कब, कितनी बिजली खपत हो रही है।
- सटीक बिलिंग: मीटर रीडिंग ऑटोमेटेड होगी, जिससे गलत बिलिंग की समस्या नहीं रहेगी।
- ऊर्जा की बचत: लोग अपनी बिजली खपत को मॉनिटर कर जरूरत के अनुसार खपत को नियंत्रित कर सकेंगे।
कैसे काम करेंगे स्मार्ट मीटर?
स्मार्ट मीटर एक डिजिटल डिवाइस होता है जो बिजली खपत की सटीक जानकारी भेजता है। यह मीटर डिस्कॉम (बिजली वितरण कंपनियों) से जुड़ा होता है और ऑनलाइन डेटा ट्रांसमिट करता है। इससे रिमोट मीटर रीडिंग, रियल-टाइम बिजली खपत ट्रैकिंग और ऑटोमेटिक बिल जनरेशन संभव होता है।
किसे लगाए जाएंगे स्मार्ट मीटर?
सरकार ने पहले चरण में मंत्रियों, विधायकों और वरिष्ठ सरकारी अधिकारियों के सरकारी आवासों में स्मार्ट मीटर लगाने का फैसला किया है। इसके बाद यह योजना धीरे-धीरे आम उपभोक्ताओं के लिए भी लागू की जाएगी।
ऊर्जा सुधार की दिशा में एक बड़ा कदम
उत्तराखंड सरकार राज्य में ऊर्जा सुधारों पर विशेष ध्यान दे रही है। हाल ही में मुख्यमंत्री धामी ने ऊर्जा बचत और पारदर्शिता बढ़ाने के लिए कई योजनाओं की घोषणा की थी। स्मार्ट मीटर योजना भी इसी दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
सरकार का मानना है कि यह पहल राज्य में बिजली आपूर्ति को अधिक कुशल बनाएगी और ऊर्जा क्षेत्र में पारदर्शिता लाएगी।