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मीडिया जनमत बनाती है, समाचारों में सावधानी जरूरी : सुप्रीम कोर्ट

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नई दिल्ली । सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि मीडिया को किसी बयान, समाचार या राय को प्रकाशित करने से पहले अत्यधिक सावधानी और जिम्मेदारी बरतनी चाहिए। जस्टिस जेबी पारदीवाला और आर महादेवन की पीठ ने कहा- मीडिया की शक्ति जनमत बनाने में महत्वपूर्ण है। मीडिया के पास सार्वजनिक भावनाएं प्रभावित करने और धारणाओं को तेजी से बदलने की क्षमता है। हालांकि कोर्ट ने एक अखबार के खिलाफ मानहानि का केस खारिज कर दिया। अखबार पर बिड एंड हैमर फाइन आर्ट ऑक्शनर्स ने नीलामी के लिए रखी कुछ पेंटिंग्स की प्रमाणिकता पर कथित मानहानिकारक सामग्री प्रकाशित करने का आरोप था। इसके साथ ही कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सर्वोपरि है। कोर्ट ने कहा, “भारतीय संविधान के अनुच्छेद 19 (1) (ए) में गारंटीकृत अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता का अधिकार सर्वोपरि है।” इसके साथ ही कोर्ट ने यह दोहराया है कि मीडिया में काम करने वालों और विशेष रूप से महत्वपूर्ण पदों पर काम करने वालों को किसी भी बयान, समाचार या राय को प्रकाशित करने से पहले अत्यधिक सावधानी और जिम्मेदारी बरतनी चाहिए।

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Aashish Tripathi

आशीष त्रिपाठी एक सीनियर डिजिटल कंटेंट प्रोड्यूसर हैं, जिन्होंने हेमवती नंदन बहुगुणा विश्वविद्यालय से जनसंचार एवं पत्रकारिता में स्नातक और आईएमएस यूनिसन यूनिवर्सिटी से डिजिटल मार्केटिंग एवं सोशल मीडिया स्ट्रेटेजी में स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। उन्होंने अपने करियर की शुरुआत न्यूज में की, जिसके बाद द मैक्स ग्रुप और इन्शॉर्ट्स, डेली सोशल जैसे प्रतिष्ठित मीडिया और कॉरपोरेट संस्थानों में काम किया। वर्तमान में, वे दून खबर के ऑनलाइन डेस्क पर कार्यरत हैं। आशीष को अंतरराष्ट्रीय संबंध, कूटनीति, राजनीति और मनोरंजन की खबरों में गहरी रुचि है, और डिजिटल पत्रकारिता में लगभग 10 वर्षों का अनुभव है।

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