Uttarakhand Avalanche: लापता श्रमिकों की तलाश में 8 हेलीकॉप्टर, SDRF टीम कैमरों संग रवाना
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चमोली। उत्तराखंड के चमोली ज़िले में शुक्रवार को माणा गाँव के पास हुए हिमस्खलन में बॉर्डर रोड्स ऑर्गनाइजेशन (BRO) के सड़क निर्माण परियोजना पर काम कर रहे 55 श्रमिक फंस गए थे। अब तक 50 श्रमिकों को बचाया जा चुका है, जिनमें से चार की मौत हो गई है। पाँच श्रमिक अभी भी लापता हैं, और उनकी खोज के लिए बचाव अभियान जारी है।
बचाव कार्य में भारतीय सेना, वायुसेना, भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP), राष्ट्रीय आपदा प्रतिक्रिया बल (NDRF) और राज्य आपदा प्रतिक्रिया बल (SDRF) की टीमें शामिल हैं। कुल छह हेलीकॉप्टर, जिनमें भारतीय सेना और वायुसेना के चीता हेलीकॉप्टर शामिल हैं, बचाव कार्य में तैनात किए गए हैं ।
हिमस्खलन के समय श्रमिक कंटेनरों में रह रहे थे, जिनमें से तीन कंटेनरों का अभी तक पता नहीं चल पाया है। लापता कंटेनरों का पता लगाने के लिए सेना ने खोजी कुत्तों को तैनात किया है और दिल्ली से जीपीएस और ग्राउंड पेनेट्रेटिंग रडार मँगवाए जा रहे हैं।
उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने माणा गाँव का दौरा किया और बचाव अभियान का जायज़ा लिया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी मुख्यमंत्री से बात की और हर संभव मदद का आश्वासन दिया है ।
बचाव अभियान में प्रतिकूल मौसम, भारी बर्फबारी और कम दृश्यता के कारण चुनौतियाँ आ रही हैं। हिमालयी क्षेत्र अपनी पारिस्थितिक संवेदनशीलता और ग्लोबल वार्मिंग के प्रभाव के कारण हिमस्खलन और बाढ़ जैसी प्राकृतिक आपदाओं के प्रति संवेदनशील है।