नेपाल स्वास्थ्य मंत्रालय में भेदभाव का आरोप: महिला और मधेशी होने के कारण पद से वंचित?

नई दिल्ली / काठमांडू । नेपाल के स्वास्थ्य मंत्रालय में महासचिव पद के लिए नियुक्ति को लेकर विवाद खड़ा हो गया है। डॉ. संगीता कौशल मिश्रा, जो वर्तमान में स्वास्थ्य सेवा विभाग की महानिदेशक हैं, इस पद के लिए प्रमुख उम्मीदवार थीं। हालांकि, अंतिम क्षणों में सरकार ने डॉ. विकास देवकोटा को इस पद पर नियुक्त किया, जिससे भेदभाव के आरोप लगे हैं।
डॉ. मिश्रा ने आरोप लगाया कि स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल ने उनके साथ भेदभाव किया है। उन्होंने कहा कि मंत्री ने उन्हें महानिदेशक पद से हटा दिया, कोई कार्य नहीं सौंपा, बैठकों में आमंत्रित नहीं किया और समितियों में शामिल नहीं किया। उन्होंने मंत्री पर मधेशी समुदाय के प्रति पूर्वाग्रह का भी आरोप लगाया।
द हिमालयन टाइम्स को दिए इन्टरव्यू में, डॉ. मिश्रा ने सीधे स्वास्थ्य मंत्री प्रदीप पौडेल पर अपने खिलाफ भेदभाव करने का आरोप लगाया।
संसद में इस मुद्दे पर बहस हुई, जहां सांसद अमरेश कुमार सिंह ने मंत्री के इस्तीफे की मांग की और पूछा कि क्या महिला या मधेशी होना अपराध है। सोशल मीडिया पर भी डॉ. मिश्रा के समर्थन में अभियान चलाया जा रहा है, जिसमें सरकार की समावेशिता और न्याय के प्रति प्रतिबद्धता पर सवाल उठाए जा रहे हैं।
दूसरी ओर, मंत्री पौडेल ने कहा कि यह निर्णय पूरे मंत्रिपरिषद द्वारा लिया गया था और इस विवाद को दुर्भावनापूर्ण और भ्रामक बताया।
डॉ. मिश्रा नेपाल में सार्वजनिक स्वास्थ्य के क्षेत्र में एक प्रमुख व्यक्तित्व हैं और उन्होंने गैर-संचारी रोगों की स्क्रीनिंग और सर्वाइकल कैंसर परीक्षण जैसे महत्वपूर्ण स्वास्थ्य अभियानों में योगदान दिया है।