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फिर टूटा पाकिस्तान: बलूचिस्तान ने किया स्वतंत्रता का ऐलान, भारत और संयुक्त राष्ट्र से मदद की अपील

"भारतीय ऑपरेशन सिंदूर के बाद पाकिस्तान में बढ़ी अस्थिरता, बलूच नेताओं ने 'रिपब्लिक ऑफ बलूचिस्तान' की स्थापना कर आजादी का ऐलान किया।"

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नई दिल्ली । पाकिस्तान में एक नई राजनीतिक हलचल सामने आई है, जब बलोच नेताओं ने पाकिस्तान से स्वतंत्रता की घोषणा की और इसे ‘रिपब्लिक ऑफ बलोचिस्तान’ के रूप में प्रस्तुत किया। यह ऐलान भारतीय सैन्य ऑपरेशन ‘ऑपरेशन सिंदूर’ की सफलता के बाद आया है, जिससे पाकिस्तान में अस्थिरता बढ़ी है।

बलूच नेता मीर यार बलोच ने सोशल मीडिया प्लेटफ़ॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर ‘रिपब्लिक ऑफ बलोचिस्तान’ के गठन की घोषणा की। उन्होंने भारत से दिल्ली में बलूच दूतावास खोलने की अपील की और संयुक्त राष्ट्र से इस नए राष्ट्र को मान्यता देने का अनुरोध किया। इसके साथ ही, बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने पाकिस्तान में 71 स्थानों पर हमलों का दावा किया, जिसमें सेना, पुलिस थाने और खनिज परिवहन मार्गों को निशाना बनाया गया।

मीर यार बलोच ने स्वतंत्र बलूचिस्तान का नक्शा और झंडा भी साझा किया। इसमें बलूचिस्तान के सभी प्रमुख क्षेत्रों को शामिल किया गया है, जो पाकिस्तान, ईरान और अफ़ग़ानिस्तान में फैले हुए हैं। यह प्रतीकात्मक रूप से बलूचों की एकता और स्वतंत्रता की आकांक्षा को दर्शाता है।

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बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) का दावा है कि 11 मई को उन्होंने पाकिस्तान में 51 स्थानों पर 71 हमले किए। इन हमलों में खुफिया एजेंसियों, पाकिस्तानी सेना, पुलिस थानों, खनिज परिवहन और प्रमुख हाईवे को टारगेट किया गया। BLA ने पाकिस्तान को ‘आतंकी निर्यातक राष्ट्र’ बताते हुए कहा कि अब सुलह का कोई सवाल नहीं है।

इस ऐलान के बाद बलूचिस्तान की आजादी एक बार फिर चर्चा का विषय बन गई है। हालांकि, यह घोषणा अभी फिलहाल प्रतीकात्मक है, और इसे किसी देश या संगठन की औपचारिक मान्यता प्राप्त नहीं हुई है। भारत की तरफ से भी अब तक इस घोषणा पर कोई आधिकारिक प्रतिक्रिया नहीं आई है। पाकिस्तान ने भी इस पर चुप्पी साधी हुई है।

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बलूचिस्तान की स्वतंत्रता की घोषणा पाकिस्तान के लिए एक नई चुनौती प्रस्तुत करती है। यह न केवल पाकिस्तान के आंतरिक मामलों में अस्थिरता का संकेत है, बल्कि क्षेत्रीय राजनीति में भी एक महत्वपूर्ण मोड़ ला सकता है। अब यह देखना होगा कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय और विशेष रूप से भारत इस घटनाक्रम पर किस तरह की प्रतिक्रिया देते हैं।

यह स्थिति पाकिस्तान के लिए एक गंभीर संकट का संकेत है, जो उसकी आंतरिक और बाहरी नीतियों पर गहरा प्रभाव डाल सकता है।

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