पटना । बिहार लोक सेवा आयोग (बीपीएससी) के अभ्यर्थियों के समर्थन में कांग्रेस और वामदलों के विधायकों ने मंगलवार को विधानसभा से राजभवन तक मार्च किया। यह मार्च बीपीएससी की 70वीं प्रारंभिक परीक्षा के रद्द करने की मांग को लेकर आयोजित किया गया था, जिसमें प्रश्नपत्र लीक और अन्य अनियमितताओं के आरोप लगे हैं।
मार्च के दौरान, पुलिस ने विधायकों को राजभवन तक जाने से रोकने का प्रयास किया। इस पर विधायकों ने सड़क पर बैठकर विरोध किया और सवाल उठाया कि किस नियम के तहत राज्यपाल से मिलने से रोका जा रहा है। पुलिस के साथ हल्की झड़प और बहस के बाद उन्हें आगे बढ़ने की अनुमति दी गई। यह प्रदर्शन भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माले) की पहल पर आयोजित किया गया था। हालांकि, इस मार्च में राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायक शामिल नहीं हुए। प्रदर्शन के दौरान विधायकों ने बीपीएससी परीक्षा में कथित अनियमितताओं के खिलाफ आवाज उठाई और इसे पूरी तरह रद्द करने की मांग की।
बीपीएससी अभ्यर्थी पिछले कई दिनों से पटना के गर्दनीबाग में धरने पर बैठे हैं, उनकी भी मांग है कि दिसंबर 2024 में आयोजित 70वीं प्रारंभिक परीक्षा को रद्द किया जाए। आयोग ने पटना के बापू परीक्षा परिसर में अनियमितताओं को स्वीकार करते हुए वहां के अभ्यर्थियों के लिए 4 जनवरी 2025 को पुनः परीक्षा की घोषणा की है। हालांकि, आयोग ने पूरे राज्य में परीक्षा रद्द करने से इनकार किया है, यह कहते हुए कि 911 अन्य परीक्षा केंद्रों पर परीक्षा सुचारू रूप से हुई थी। अभ्यर्थियों और विधायकों की मांग है कि परीक्षा की पारदर्शिता और निष्पक्षता सुनिश्चित करने के लिए इसे पूरी तरह रद्द कर पुनः आयोजित किया जाए। प्रशासन और प्रदर्शनकारियों के बीच इस मुद्दे पर तनाव जारी है।