मसूरी के जॉर्ज एवरेस्ट में अवैध फीस वसूली पर हंगामा, कोर्ट के आदेश की अनदेखी
"जॉर्ज एवरेस्ट में अवैध वसूली पर बवाल, न्यायालय की अवमानना और पर्यावरण को खतरा"

मसूरी । मसूरी के ऐतिहासिक और प्रसिद्ध पर्यटन स्थल जॉर्ज एवरेस्ट हाउस में इन दिनों अवैध रूप से प्रवेश शुल्क वसूली को लेकर भारी विवाद खड़ा हो गया है। स्थानीय निवासी, सामाजिक संगठन और व्यापारिक संगठन इस अवैध वसूली के खिलाफ आवाज बुलंद कर रहे हैं।
स्थानीय लोगों का आरोप है कि पर्यटन विभाग ने जिस निजी संस्था को जॉर्ज एवरेस्ट हाउस के रखरखाव और संचालन की जिम्मेदारी दी है, वह पर्यटकों से ₹200 प्रति व्यक्ति और वाहनों के लिए ₹1,000 तक का शुल्क वसूल रही है। यह न केवल अन्यायपूर्ण है, बल्कि माननीय उत्तराखंड उच्च न्यायालय के आदेशों का खुला उल्लंघन भी है।

स्थानीय लोगों का कहना है कि यह स्थान सार्वजनिक उपयोग के लिए है और किसी भी निजी संस्था को वहां अवैध रूप से मार्ग बंद करने और शुल्क वसूलने का अधिकार नहीं है। इसके विरोध में जॉर्ज एवरेस्ट वेलफेयर एसोसिएशन सहित कई संगठनों ने प्रदर्शन कर जिला प्रशासन और राज्य सरकार से हस्तक्षेप की मांग की है।
लोगों ने यह भी आरोप लगाया कि इस क्षेत्र को वाइल्ड लाइफ सेंचुरी घोषित किया गया है, लेकिन वहां हेलीकॉप्टर से उड़ानें करवाई जा रही हैं, जिससे जैव विविधता और वन्यजीवों को नुकसान हो रहा है।
इस मामले की गंभीरता को देखते हुए देहरादून के जिलाधिकारी सविन बंसल ने मसूरी की एसडीएम को मामले की जांच का आदेश दिया है। एसडीएम अनामिका द्वारा स्थानीय लोगों की शिकायतें सुनकर रिपोर्ट तैयार की जा रही है, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी।
स्थानीय संगठनों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही अवैध शुल्क वसूली पर रोक नहीं लगाई गई और न्यायालय के आदेशों का पालन नहीं किया गया, तो वे बड़ा जन आंदोलन करेंगे।
यह मामला केवल आर्थिक शोषण का नहीं, बल्कि न्यायपालिका के आदेशों की अवहेलना और पर्यावरणीय सुरक्षा के उल्लंघन का भी है। सरकार और प्रशासन से अपेक्षा की जा रही है कि वे शीघ्र उचित कार्रवाई कर इस संवेदनशील स्थल को निजी हितों से मुक्त कराएं और जनता के अधिकारों की रक्षा करें।