देहरादून। उत्तराखंड में तेजी से बढ़ रहे साइबर अपराधों पर लगाम लगाने के लिए पुलिस ने ठोस रणनीति तैयार की है। पुलिस मुख्यालय के एक्शन प्लान के तहत राज्य के सभी थानों में साइबर यूनिट स्थापित की जाएगी। साथ ही, साइबर थानों में विशेषज्ञों की संख्या बढ़ाकर साइबर अपराधों से अधिक प्रभावी ढंग से निपटने की योजना है।
साइबर अपराधों में हो रही अप्रत्याशित बढ़ोतरी
पिछले कुछ वर्षों में साइबर ठगी के मामलों में तेजी से वृद्धि हुई है। ठग नए-नए तरीकों से आम नागरिकों को शिकार बना रहे हैं, जिससे लोग हर दिन लाखों रुपये गंवा रहे हैं। पुलिस ने इस चुनौती का मुकाबला करने के लिए साइबर विशेषज्ञों की नियुक्ति को प्राथमिकता दी है।
साइबर थानों में बढ़ेगी विशेषज्ञों की संख्या
वर्तमान में राज्य में दो साइबर थाने हैं, जिनमें करीब 30 पुलिसकर्मी कार्यरत हैं। लेकिन बढ़ते मामलों के मद्देनजर इन थानों में 60 से 70 नए साइबर विशेषज्ञों की नियुक्ति की जाएगी। इन पदों पर आईटी और साइबर क्राइम में विशेषज्ञता रखने वाले उम्मीदवारों को प्राथमिकता दी जाएगी।
हर थाने में होगी साइबर यूनिट
राज्य के सभी थानों में साइबर यूनिट स्थापित करने की योजना तैयार की गई है। यह यूनिट साइबर अपराधों की जांच में तेजी लाएगी। इसके लिए एसआई और इंस्पेक्टर रैंक के अधिकारियों को साइबर क्राइम से संबंधित प्रशिक्षण दिया जाएगा।
पुलिस का प्रयास
एडीजी प्रशासन एपी अंशुमान के अनुसार, “साइबर अपराध वर्तमान में पुलिस के लिए एक बड़ी चुनौती बन चुका है। इसे देखते हुए राज्य में साइबर पुलिस के ढांचे को मजबूत किया जा रहा है। आईटी में विशेषज्ञता रखने वाले कर्मचारियों को प्राथमिकता के आधार पर साइबर सेल में तैनात किया जा रहा है।”
यह कदम साइबर अपराधों पर प्रभावी नियंत्रण स्थापित करने और नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में मील का पत्थर साबित हो सकता है।