देहरादून सिटीजन्स फोरम ने जारी किया ग्रीन एजेंडा, राजनीतिक दलों से घोषणापत्र में शामिल करने की अपील
"ग्रीन एजेंडा में पर्यावरण संरक्षण, शहरी विकास और जलवायु परिवर्तन के समाधान पर विशेष जोर"
देहरादून । देहरादून सिटीजन्स फोरम (डीसीएफ) ने सोमवार को राज्य में होने वाले नगर निकाय चुनावों के लिए अपना ग्रीन एजेंडा जारी किया। इस एजेंडे में 18 बिंदुओं को शामिल किया गया है, जिसमें 12वीं अनुसूची के तहत नगर निकायों को दिये गए सभी विषयों पर कार्य करने और उत्तराखंड का अपना नगर निकाय कानून बनाने की मांग प्रमुख है। फोरम ने राजनीतिक दलों से उत्तराखंड अर्बन विजन डॉक्यूमेंट तैयार करने और इसे अपने चुनावी घोषणापत्र में शामिल करने की मांग की है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में हुआ ग्रीन एजेंडा जारी
प्रेस क्लब में आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान डीसीएफ के सदस्य जगमोहन मेहंदीरत्ता ने कहा कि अब समय आ गया है कि मेयर और पार्षदों को सड़क और सफाई जैसे परंपरागत मुद्दों से आगे बढ़कर शहर की व्यापक समस्याओं पर ध्यान देना होगा। इसी उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए ग्रीन एजेंडा तैयार किया गया है।
फोरम ने घोषणा की कि जल्द ही देहरादून में मेयर पद के उम्मीदवारों के साथ संवाद कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा, जहां उनसे ग्रीन एजेंडा को लेकर चर्चा की जाएगी।
राजनीतिक दलों से ग्रीन एजेंडा शामिल करने की अपील
फोरम के सदस्य अनूप नौटियाल ने सभी राजनीतिक दलों से राज्यभर के लिए एक ग्रीन मेनिफेस्टो जारी करने की अपील की है। इसके साथ ही प्रत्येक शहर के लिए अलग-अलग घोषणापत्र बनाने का भी सुझाव दिया गया है।
फोरम के सदस्य अनूप बडोला ने बताया कि ग्रीन एजेंडा को न केवल राजनीतिक दलों बल्कि सामाजिक, व्यापारिक और गैर सरकारी संगठनों, बार एसोसिएशनों और आंदोलनकारी संगठनों तक पहुंचाया जाएगा ताकि इस महत्वपूर्ण एजेंडे पर व्यापक चर्चा हो सके।
ग्रीन एजेंडा में मुख्य मांगे
- उत्तराखंड अर्बन विजन 2025 तैयार करना और उसकी नियमित मॉनिटरिंग करना।
- चुने गए जनप्रतिनिधियों के लिए नियमित प्रशिक्षण कार्यक्रम।
- राजधानी का मुद्दा हल करना।
- शहरी योजनाओं में जन भागीदारी सुनिश्चित करना।
- कूड़ा निस्तारण की प्रभावी व्यवस्था।
- जलवायु परिवर्तन के लिए ठोस कार्य योजना।
- ट्रैफिक, पार्किंग और सार्वजनिक परिवहन की व्यवस्था।
- शहरी क्षेत्रों में वार्ड समितियों का गठन।
उत्तराखंड का नगर निकाय कानून बनाने की मांग
फोरम ने कहा कि उत्तराखंड के नगर निकाय अब भी उत्तर प्रदेश के कानूनों से संचालित हो रहे हैं, जबकि राज्य की भौगोलिक परिस्थितियां और आवश्यकताएं यूपी से भिन्न हैं। फोरम ने उत्तराखंड का अपना नगर निकाय कानून बनाने की मांग की है, ताकि शहरों की समस्याओं को बेहतर ढंग से हल किया जा सके।
पर्यावरण संरक्षण पर जोर
ग्रीन एजेंडा डॉक्यूमेंट में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों का सामना करने, सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स को हासिल करने, और शहर व उसके आसपास की नदियों और जंगलों को सुरक्षित रखने पर जोर दिया गया है।
डीसीएफ ने कहा कि 12वीं अनुसूची के तहत नगर निकायों को जो 18 विषय सौंपे गए हैं, उन पर गंभीरता से काम करने की आवश्यकता है। इसके साथ ही पर्यावरण को संतुलित रखने के प्रयास भी प्राथमिकता में होने चाहिए।
ग्रीन एजेंडा देहरादून और उत्तराखंड के अन्य शहरों को अधिक टिकाऊ, पर्यावरण-संवेदनशील और आधुनिक बनाने का एक प्रयास है। डीसीएफ ने उम्मीद जताई है कि राजनीतिक दल इसे अपनाकर अपनी घोषणाओं में शामिल करेंगे।