Dehradun News: उत्तराखंड में जल्द लागू होगी डक्ट पॉलिसी, बार-बार रोड कटिंग से मिलेगी राहत
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उत्तराखंड में डक्ट पॉलिसी से खत्म होगा बार-बार रोड कटिंग का झंझट
देहरादून। उत्तराखंड में रोड कटिंग की समस्या से जल्द निजात मिलने वाली है। सरकार यूटिलिटी सर्विसेज (बिजली, टेलीफोन, पेयजल, गैस लाइन) के सुचारू प्रबंधन के लिए डक्ट पॉलिसी पर काम कर रही है। इस पॉलिसी के लागू होने के बाद सड़क निर्माण के दौरान ही डक्ट का प्रावधान किया जाएगा, जिससे बार-बार सड़क खुदाई की जरूरत नहीं पड़ेगी।
पीडब्ल्यूडी बना रहा डक्ट पॉलिसी
राज्य सरकार ने लोक निर्माण विभाग (PWD) को इस नीति को लागू करने की जिम्मेदारी दी है। पीडब्ल्यूडी डक्ट पॉलिसी का ड्राफ्ट तैयार कर इस महीने के अंत तक शासन को सौंपेगा। इसके बाद इसे कैबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
ट्रैफिक जाम और राजस्व नुकसान से मिलेगी राहत
अभी तक विभिन्न विभागों द्वारा बार-बार सड़कों की खुदाई करने से ट्रैफिक जाम और सरकारी राजस्व की हानि होती थी। लेकिन डक्ट पॉलिसी लागू होने के बाद बिजली, पानी, गैस और टेलीफोन केबल के लिए एक ही डक्ट बनाया जाएगा। इससे सड़क पर बार-बार खुदाई की जरूरत नहीं होगी और मेंटेनेंस का कार्य भी आसानी से हो सकेगा।
कैसे होगी डक्ट पॉलिसी की व्यवस्था?
- पीडब्ल्यूडी के अनुसार, डक्ट पॉलिसी को प्रभावी बनाने के लिए कंसल्टेंट कंपनी को हायर किया गया है, जिसे 60 लाख रुपये का बजट दिया गया है।
- पुरानी सड़कों पर डक्ट बनाने के लिए उनकी चौड़ाई के अनुसार योजना बनेगी।
- नई सड़कों पर निर्माण के दौरान ही डक्ट का प्रावधान होगा।
- सड़क के हिसाब से डक्ट की चौड़ाई निर्धारित होगी और मेंटेनेंस के लिए मैनहोल छोड़े जाएंगे।
- डक्ट निर्माण की अनुमति और शुल्क के नियम भी तय किए जाएंगे।
- सड़क खुदाई करने पर जुर्माने का प्रावधान भी होगा।
देहरादून स्मार्ट सिटी में पहले ही हो चुकी है शुरुआत
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत राजपुर रोड और ईसी रोड पर पहले ही डक्ट का निर्माण किया गया है। हालांकि, ये डक्ट केवल बिजली केबल के लिए बनाई गई थी। अब नए प्रोजेक्ट में बड़ी डक्ट बनाई जाएगी, जिसमें बिजली, पानी, गैस और टेलीफोन लाइनों को समायोजित किया जाएगा।
उत्तराखंड में 27,000 किमी सड़क पर होगा असर
उत्तराखंड में वर्तमान में 27,000 किलोमीटर लंबी सड़कें हैं, जिनका हर साल मेंटेनेंस और सुधार कार्य पर करोड़ों रुपये खर्च होते हैं। डक्ट पॉलिसी लागू होने के बाद सरकार को बजट की बचत होगी और जनता को अत्यधिक खुदाई से राहत मिलेगी।
डक्ट पॉलिसी के मुख्य बिंदु:
✅ पीडब्ल्यूडी राज्य के लिए डक्ट पॉलिसी बना रहा है।
✅ बिजली, पेयजल, गैस और केबल लाइन एक ही डक्ट के अंदर होंगी।
✅ बार-बार सड़क खुदाई की जरूरत नहीं होगी।
✅ स्मार्ट मेंटेनेंस के लिए डक्ट पर मैनहोल छोड़े जाएंगे।
✅ कंसल्टेंट कंपनी को ड्राफ्ट तैयार करने के निर्देश दिए गए हैं।
✅ नए सड़क निर्माण में पहले से ही डक्ट की व्यवस्था होगी।
✅ डक्ट के अंदर कंस्ट्रक्शन के लिए परमिशन और दरें तय होंगी।
✅ राजस्व मॉडल विकसित किया जाएगा, जिससे सरकार को फायदा होगा।
✅ डक्ट निर्माण नियमों के उल्लंघन पर जुर्माने का प्रावधान होगा।
✅ कैबिनेट मंजूरी के बाद नीति को पूरे प्रदेश में लागू किया जाएगा।
डक्ट पॉलिसी से क्या होगा फायदा?
➡ यूटिलिटी सर्विसेज की बेहतर प्लानिंग और मेंटेनेंस।
➡ ट्रैफिक जाम की समस्या से राहत।
➡ सरकार को राजस्व हानि से बचाव।
➡ सड़कों का रखरखाव आसान और प्रभावी होगा।
➡ स्मार्ट सिटी और डिजिटल इंडिया मिशन को बढ़ावा।
“डक्ट पॉलिसी लागू होने से उत्तराखंड की सड़कों पर बार-बार होने वाली खुदाई की समस्या खत्म हो जाएगी। इससे न सिर्फ सरकारी धन की बचत होगी, बल्कि जनता को भी बेहतर सड़कों की सुविधा मिलेगी।”
— राजेश चंद्र शर्मा, प्रमुख अभियंता, पीडब्ल्यूडी
उत्तराखंड में डक्ट पॉलिसी लागू होने से सड़कों की खुदाई की समस्या से राहत मिलेगी। सरकार, पीडब्ल्यूडी और अन्य विभागों के बीच बेहतर समन्वय से प्रदेश में स्मार्ट इंफ्रास्ट्रक्चर विकसित होगा। यह नीति पर्यावरण, यातायात और सरकारी बजट—तीनों के लिए फायदेमंद साबित होगी।