ग्रेटर नोएडा से देहरादून: यूपी-उत्तराखंड को मिला अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेसवे का तोहफा
नोएडा । उत्तर प्रदेश, जो एक्सप्रेसवे के क्षेत्र में देश का अग्रणी राज्य है, ने एक और महत्वपूर्ण परियोजना को फिर से शुरू करने का फैसला किया है। अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेसवे, जो 11 साल पहले ठंडे बस्ते में चला गया था, अब दोबारा चर्चा में है। यह प्रस्ताव नोएडा और ग्रेटर नोएडा को सीधे देहरादून से जोड़ने के लिए तैयार किया गया था। यह 147.8 किलोमीटर लंबा और आठ लेन का एक्सप्रेसवे ग्रेटर नोएडा से होकर गाजियाबाद, मेरठ, मुजफ्फरनगर, देवबंद और पुरकाजी तक जाएगा। 2013 में देहरादून की ओर से निर्माण कार्य शुरू किया गया था, लेकिन सत्ता परिवर्तन के बाद इसे रोक दिया गया।
इस परियोजना का अनुमानित बजट 8700 करोड़ रुपये है। यह एक्सप्रेसवे बुलंदशहर के सनौता पुल से शुरू होकर उत्तर प्रदेश-उत्तराखंड सीमा तक ऊपरी गंगा नहर के किनारे फैलेगा। इसके जरिये कई शहरों के बीच बेहतर सड़क संपर्क स्थापित होगा, जिससे प्रदेश में औद्योगिक, वाणिज्यिक और आवासीय विकास को गति मिलेगी।
147.8 किलोमीटर लंबा यह आठ लेन का एक्सप्रेसवे उत्तर-दक्षिण के बीच एक मजबूत कनेक्शन प्रदान करेगा। छह जगहों पर लॉजिस्टिक सेवाओं के लिए विकास किया जाएगा, साथ ही नहर के पास पर्यटन और वाटर स्पोर्ट्स की सुविधाएं विकसित की जाएंगी। नहर पर सात जगहों पर पनबिजली स्टेशनों का विस्तार होगा।
इस एक्सप्रेसवे में कई लिंक एक्सप्रेसवे भी शामिल होंगे: मेरठ एयरपोर्ट और डीएफसी टर्मिनल से जोड़ने के लिए 23.5 किमी का लिंक एक्सप्रेसवे, पुरकाजी से देवबंद तक 16.5 किमी का लिंक एक्सप्रेसवे, एनएच-24 के पास डासना फॉल से जोड़ने के लिए 3.5 किमी का लिंक एक्सप्रेसवे, और भविष्य में 25 किमी के अन्य लिंक एक्सप्रेसवे जोड़े जाएंगे।
इस परियोजना से उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के बीच बेहतर सड़क संपर्क स्थापित होगा, जिससे दोनों राज्यों में व्यापार, परिवहन और पर्यटन को नई ऊंचाई मिलेगी। यह एक्सप्रेसवे स्थानीय निवासियों के लिए रोजगार के नए अवसर भी पैदा करेगा और क्षेत्र के समग्र विकास में मदद करेगा। अपर गंगा कैनाल एक्सप्रेसवे आने वाले वर्षों में उत्तर भारत की परिवहन संरचना को बदलने वाला एक प्रमुख प्रोजेक्ट साबित होगा।