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महाकुंभ में उठेगा धर्म संसद के विरुद्ध हुई अभद्रता का मामला यति ने फिर लिखा सीएम को रक्त-पत्र

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देहरादून, उत्तराखंड: हरिद्वार में हाल ही में आयोजित धर्म संसद के दौरान हुई घटनाओं ने बड़ा विवाद खड़ा कर दिया है। धर्म संसद के आयोजकों और साधु-संतों का कहना है कि कार्यक्रम में प्रशासन ने हस्तक्षेप कर इसे रोकने की कोशिश की, जिससे वे आहत हैं। इस मुद्दे को लेकर यति नरसिंहानंद ने उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को एक रक्त-पत्र लिखा है।

यति नरसिंहानंद ने अपने पत्र में आरोप लगाया कि धर्म संसद के आयोजन में प्रशासन ने बाधा पहुंचाई और इसे सनातन धर्म के प्रति अपमान बताया। उन्होंने यह भी ऐलान किया कि इस मुद्दे को महाकुंभ 2025 में प्रमुखता से उठाया जाएगा।

अखाड़ा परिषद और अन्य संत समाज ने भी इस घटनाक्रम की निंदा की है। उन्होंने कहा कि धर्म संसद का उद्देश्य धर्म और संस्कृति की रक्षा करना है, और इसमें बाधा डालना अस्वीकार्य है।

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अब यह मामला धार्मिक और राजनीतिक दोनों स्तरों पर चर्चा का विषय बन गया है, और इसे लेकर साधु-संतों में आक्रोश बढ़ता जा रहा है।

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