Dehradun: संरक्षित पशु की हत्या के विरोध में लोगों ने सड़क पर लगाया जाम, घटना से भीड़ में भारी आक्रोश

देहरादून । देहरादून में एक गंभीर घटना सामने आई, जहां नवरात्रि के दौरान संरक्षित पशु की हत्या के खिलाफ लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया और भारी विरोध प्रदर्शन किया। यह घटना देहरादून के रायपुर क्षेत्र के ईश्वर विहार की है, जहां सुबह के समय मृत संरक्षित पशु के अवशेष मिले। जैसे ही लोगों ने इस घटना को देखा, उनका गुस्सा फूट पड़ा और उन्होंने विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया।
स्थानीय लोग और हिंदूवादी संगठन जैसे विश्व हिंदू परिषद (VHP) और बजरंग दल ने रायपुर चौक पर सड़क जाम कर दी। उनका मुख्य आक्रोश इस बात को लेकर था कि ऐसी घटनाएं बढ़ती जा रही हैं और पुलिस द्वारा इस पर सख्त कार्रवाई नहीं की जा रही है। वे आरोपियों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की मांग कर रहे थे। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि यह घटनाएं हिंदू धार्मिक और सांस्कृतिक संवेदनाओं के खिलाफ हैं।
प्रदर्शन के दौरान, पुलिस ने मौके पर पहुंचकर स्थिति को नियंत्रित करने की कोशिश की, और सड़कों को फिर से खोलने का प्रयास किया। चूंकि यह घटना धार्मिक दृष्टिकोण से संवेदनशील मानी जा रही थी, पुलिस ने अतिरिक्त बल भी तैनात किया। इस बीच, रायपुर थाना अध्यक्ष प्रदीप ने बताया कि मामले की जांच शुरू कर दी गई है और अज्ञात आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी।
इसके अलावा, एक और घटना विकास नगर और पांवटा साहिब के बीच सूखी नदी के पास हुई, जहां भी गौकशी के अवशेष मिले। यह घटना भी हिंदू संगठनों के आक्रोश का कारण बनी, और उन्होंने पुलिस से त्वरित कार्रवाई की अपील की। हरिद्वार में भी पित्थूवाला अलका डेरी चौक पर विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने इसी प्रकार के विरोध प्रदर्शन किए। प्रदर्शनकारियों का कहना था कि इन घटनाओं से गौहत्या के मामलों में वृद्धि हो रही है और पुलिस इस पर उचित ध्यान नहीं दे रही है।
स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने भी पुलिस के खिलाफ विरोध जताया, और उन्होंने आरोपियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। पुलिस ने मामले की गंभीरता को समझते हुए जांच तेज कर दी है और आरोपियों की पहचान करने के लिए प्रयास किए जा रहे हैं। अधिकारियों ने शांति बनाए रखने की अपील की है ताकि क्षेत्र में कोई अप्रिय घटना न घटे।
यह घटना न केवल पुलिस की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाती है, बल्कि धार्मिक समुदायों के बीच तनाव को भी बढ़ा सकती है, जिसे शांतिपूर्वक सुलझाने के लिए पुलिस और प्रशासन को विशेष सावधानी बरतने की आवश्यकता है।