“इस जमाने में अब अच्छे गाने ढूंढने पड़ते हैं” – जावेद अख्तर
वेल्हम बॉयज स्कूल के वार्षिकोत्सव का भव्य आगाज़
देहरादून: एक समय था जब संगीत में ऐसा जादू होता था कि हर गीत अपनी एक छाप छोड़ जाता था। वह गाने इतने खूबसूरत और दिल को छू लेने वाले होते थे कि आज भी नई पीढ़ी उन्हें गुनगुनाती है। लेकिन अब वह दौर बदल चुका है। आज के समय में अच्छे गाने ढूंढने पड़ते हैं। यह बात मशहूर गीतकार और लेखक जावेद अख्तर ने शुक्रवार को वेल्हम बॉयज स्कूल के 87वें वार्षिकोत्सव के शुभारंभ पर कही।
तीन दिन तक चलने वाले इस कार्यक्रम के पहले दिन जावेद अख्तर ने अपनी जीवन यात्रा के किस्से साझा किए और दर्शकों के सवालों का जवाब दिया। उन्होंने बताया कि वह दो तरह की कविताएं लिखते हैं – एक व्यक्तिगत और दूसरी पेशेवर। उन्होंने यह भी कहा कि लिखते समय वह अपने दर्शकों और श्रोताओं की पसंद को ध्यान में रखते हैं।
सफलता का मंत्र साझा करते हुए उन्होंने कहा, “सिर्फ काम पूरा करना ही काफी नहीं है। असल महत्व यह है कि काम को बेहतरीन तरीके से किया जाए। सफलता रातों-रात नहीं मिलती। इसके लिए सच्ची लगन और मेहनत की जरूरत होती है। हमें अपने बारे में कम और अपने लक्ष्य के बारे में ज्यादा सोचना चाहिए।”
जब उनसे पूछा गया कि उन्हें गीत लिखना ज्यादा पसंद है या स्क्रिप्ट, तो उन्होंने मुस्कुराते हुए कहा, “मैं अपनी मर्जी का काम करता हूं, और दोनों ही मुझे बेहद पसंद हैं।”
कार्यक्रम में जावेद अख्तर ने अपने लिखे हुए कुछ प्रसिद्ध गीत गुनगुनाए, जिससे दर्शक मंत्रमुग्ध हो गए। मंच पर गायक मेयांग चांग और जान्हवी श्रीमानक ने भी उनकी रचनाओं जैसे “मैं कोई ऐसा गीत गाऊं,” “आजा पिया आई बहार,” “पंछी नदियां पवन के झोंके,” और “कल हो न हो” की प्रस्तुति देकर माहौल को और भी संगीतमय बना दिया।
इस मौके पर विद्यालय के शिक्षक, अभिभावक, और अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे।