देहरादून। केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) ने भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (ITBP) की 23वीं बटालियन, देहरादून में राशन आपूर्ति में कथित 70 लाख रुपये के घोटाले के मामले में तत्कालीन कमांडेंट अशोक कुमार गुप्ता, उपनिरीक्षक सुधीर कुमार, सहायक उपनिरीक्षक अनुसूया प्रसाद और तीन निजी आपूर्तिकर्ताओं—नरेंद्र आहूजा, विनय कुमार, और नवीन कुमार—के खिलाफ मामला दर्ज किया है।
आरोपों का सारांश:
- समयावधि: 2017 से 2019 के बीच।
- कथित अनियमितताएँ: आरोप है कि इन अधिकारियों ने निजी आपूर्तिकर्ताओं के साथ मिलकर मांस, चिकन, मछली, अंडे, पनीर, दूध, और फलों जैसी वस्तुओं की आपूर्ति के लिए बढ़े हुए बिल प्रस्तुत किए। इसके लिए आधिकारिक रिकॉर्ड में हेराफेरी की गई, जिससे ITBP को 70.56 लाख रुपये का नुकसान हुआ और आरोपियों ने व्यक्तिगत लाभ कमाया।
CBI की कार्रवाई:
- CBI ने इन आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की धारा 120B (आपराधिक साजिश), 420 (धोखाधड़ी), 467 (कीमती सुरक्षा, वसीयत आदि की जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज़ का वास्तविक के रूप में उपयोग) और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम, 1988 की संबंधित धाराओं के तहत मामला दर्ज किया है।
पृष्ठभूमि:
- इससे पहले भी, अशोक कुमार गुप्ता के खिलाफ उत्तराखंड में वास्तविक नियंत्रण रेखा (LAC) के पास एक चौकी के लिए ‘हीटिंग ऑयल’ और अन्य वस्तुओं की खरीद में कथित भ्रष्टाचार के लिए मामला दर्ज किया गया था। hindi.theprint.in
CBI ने मामले की विस्तृत जांच शुरू कर दी है और आरोपियों से पूछताछ की योजना बना रही है। जांच के दौरान अन्य संबंधित व्यक्तियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।