नई दिल्ली: जश्न-ए-रेख्ता 2024, एक ऐसा महोत्सव है जो भारतीय साहित्य, कला, संगीत, और पाक कला का उत्सव मनाने के लिए दिल्ली के जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 13 से 15 दिसंबर तक आयोजित किया जा रहा है। यह तीन दिवसीय आयोजन न केवल उर्दू साहित्य और संस्कृति का जश्न है, बल्कि यह भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को भी प्रदर्शित करता है। हर साल की तरह, इस साल भी यह महोत्सव साहित्य, संगीत, नृत्य और बातचीत के अनगिनत रंगों से भरपूर रहेगा।
महोत्सव की मुख्य विशेषताएं:
- सूफियाना संगीत और ग़ज़लें:
मशहूर कलाकारों की प्रस्तुतियां, जो दर्शकों को सूफी संगीत और ग़ज़लों की दुनिया में डुबो देंगी। संगीत प्रेमियों के लिए यह एक अनूठा अनुभव होगा। - कविताएं और शायरी:
साहित्य प्रेमियों के लिए शायरी की महफ़िलें, जहां प्रसिद्ध शायर और कवि अपनी रचनाओं के जरिए जीवन की गहराई और भावनाओं को प्रस्तुत करेंगे। - सांस्कृतिक प्रदर्शन:
नृत्य और अन्य सांस्कृतिक प्रस्तुतियां, जो भारतीय परंपराओं और आधुनिक कला का संगम दर्शाएंगी। - विशेष बाज़ार:
एक रंग-बिरंगा बाज़ार, जिसमें हस्तशिल्प, किताबें और भारतीय व्यंजन उपलब्ध होंगे। यह बाज़ार पारंपरिक और आधुनिक संस्कृति को करीब से देखने का अवसर प्रदान करेगा।
अन्य आकर्षण:
- चर्चाएं और संवाद: हास्य, व्यंग्य, और समाज में कला की भूमिका पर चर्चाएं होंगी।
- महिला सशक्तिकरण पर चर्चा: समाज में महिलाओं की भूमिका और उनकी चुनौतियों पर आधारित संवाद।
- कला के माध्यम से सामाजिक मुद्दे: कला और साहित्य के जरिए सामाजिक समस्याओं और उनके समाधान पर गहन चर्चा।
उद्देश्य:
जश्न-ए-रेख्ता का उद्देश्य भारत की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को मंच देना है। यह आयोजन लोगों को उनकी जड़ों से जोड़ने और सांस्कृतिक धरोहर को सराहने का अवसर प्रदान करता है।
प्रवेश और जानकारी:
प्रवेश शुल्क का निर्धारण किया गया है। टिकट और समय-सारणी की विस्तृत जानकारी आयोजकों की आधिकारिक वेबसाइट पर उपलब्ध है।
जश्न-ए-रेख्ता 2024 न केवल साहित्य और कला प्रेमियों के लिए एक मंच है, बल्कि यह भारत की समृद्ध संस्कृति को समझने और उसमें शामिल होने का अनूठा अवसर भी है। यह महोत्सव भारत के अद्भुत सांस्कृतिक विविधता और कलात्मक धरोहर का जश्न मनाने का सबसे बड़ा माध्यम बन चुका है।