Mahakumbh 2025: महाशिवरात्रि से पहले श्रद्धालुओं की संख्या 63 करोड़ के पार
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प्रयागराज। महाकुंभ का आयोजन इस समय अपने चरम पर है, और श्रद्धालुओं की संख्या तेजी से बढ़ रही है। महाशिवरात्रि से पहले ही 63 करोड़ से अधिक भक्तों ने इस पवित्र अवसर पर स्नान और पूजा-अर्चना की है। यह महाकुंभ, जो हर 12 वर्ष में एक बार आयोजित होता है, इस बार विशेष रूप से चर्चा में है।
आयोजन की विशेषताएँ
- धार्मिक महत्व: महाकुंभ में भाग लेना हर हिंदू के लिए एक पवित्र कर्तव्य माना जाता है। उज्जैन को भगवान शिव का तीर्थ स्थल माना जाता है, और महाशिवरात्रि के अवसर पर यहाँ विशेष महत्व होता है।
- सुरक्षा व्यवस्था: श्रद्धालुओं की भारी संख्या को देखते हुए प्रशासन ने सुरक्षा और व्यवस्था को सुनिश्चित करने के लिए व्यापक इंतजाम किए हैं। पुलिस बल के अतिरिक्त, स्वयंसेवी संगठनों के सदस्यों को भी सुरक्षा और मार्गदर्शन के लिए तैनात किया गया है।
- सांस्कृतिक कार्यक्रम: महाकुंभ के दौरान अनेक धार्मिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है, जिसमें भजन-कीर्तन, प्रवचन, और सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ शामिल हैं। ये कार्यक्रम श्रद्धालुओं को धार्मिक और सांस्कृतिक रूप से समृद्ध कर रहे हैं।
- सुविधाएँ: श्रद्धालुओं के लिए विशेष स्वास्थ्य और सफाई व्यवस्थाएँ की गई हैं। शौचालय, स्नानागार, और चिकित्सा सुविधाओं का ध्यान रखा गया है ताकि भक्तों को किसी भी प्रकार की परेशानी का सामना न करना पड़े।
भक्तों की भावना
भक्तों का कहना है कि महाकुंभ में भाग लेना और भगवान शिव की कृपा प्राप्त करना उनके जीवन का सबसे महत्वपूर्ण अनुभव है। कई भक्त दूर-दूर से पैदल चलकर या सार्वजनिक परिवहन से पहुँचते हैं, जो उनके अदम्य विश्वास और आस्था को दर्शाता है।
समापन और आगे की योजनाएँ
महाकुंभ का यह आयोजन आगामी महाशिवरात्रि के अवसर पर अपने चरम पर पहुँच जाएगा, जब और भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु उज्जैन आएँगे। प्रशासन ने समापन समारोह के लिए भी खास तैयारियाँ की हैं, जिसमें भव्य शोभायात्रा और धार्मिक अनुष्ठान शामिल होंगे।
इस महाकुंभ ने एक बार फिर से आस्था और भक्ति की शक्ति को जगाने का काम किया है, और यह एक अद्वितीय धार्मिक और सांस्कृतिक अनुभव प्रदान कर रहा है।