MahaKumbh 2025: उत्तराखंड पवेलियन में देवभूमि की झलक दिव्य मंदिरों के दर्शन
देहरादून। महाकुंभ 2025 के आयोजन के दौरान उत्तराखंड पवेलियन ने देवभूमि की संस्कृति और धार्मिक महत्व को प्रदर्शित करने के लिए विशेष इंतजाम किए हैं। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व में तैयार इस पवेलियन में उत्तराखंड के प्रमुख तीर्थ स्थल और दिव्य मंदिरों के दर्शन कराए जा रहे हैं।
पवेलियन में क्या दिखेगा?
उत्तराखंड पवेलियन में पर्यटकों को केदारनाथ और बदरीनाथ के द्वार, चारधाम की प्रतिकृतियां, हरकी पैड़ी, हरिद्वार और गंगा की अविरल धारा के दर्शन मिलेंगे। पवेलियन में 40,000 वर्ग फीट क्षेत्र में विभिन्न धार्मिक और सांस्कृतिक प्रदर्शन किए जा रहे हैं, जो उत्तराखंड की पवित्रता और संस्कृति को उजागर करते हैं। यहाँ गंगा की अविरल धारा और अन्य प्रमुख धार्मिक स्थलों की प्रदर्शनी भी है, जो दर्शकों को उत्तराखंड की धार्मिक और सांस्कृतिक धरोहर से परिचित कराती है।
पवेलियन में शामिल उत्पाद और प्रदर्शन:
उत्तराखंड पवेलियन में ‘हाउस ऑफ हिमालया’ जैसे अंतरराष्ट्रीय ब्रांड, हथकरघा और हस्तशिल्प उत्पाद, खादी, बांस, आयुर्वेदिक चिकित्सा, और योग चिकित्सा का प्रदर्शन किया जा रहा है। इसके अलावा, स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए सांस्कृतिक संध्याओं का आयोजन भी किया जा रहा है।
धार्मिक पर्यटन का अनुभव:
इस पवेलियन के माध्यम से तीर्थयात्रियों को न केवल उत्तराखंड के मंदिरों और धार्मिक स्थलों के दर्शन हो रहे हैं, बल्कि वे यहां पारंपरिक उत्पादों के स्टॉल्स पर भी खरीदारी कर सकते हैं। पवेलियन में रोजाना 10,000 से 15,000 तीर्थयात्री आते हैं और वे यहां उत्तराखंड की संस्कृति, कला, और धार्मिकता का आनंद लेते हैं।
आवासीय सुविधाएं और अन्य व्यवस्थाएं:
महाकुंभ 2025 में तीर्थयात्रियों के लिए आवास, स्थानीय भोजन, और टेंट सिटी की व्यवस्था की गई है, ताकि वे बिना किसी असुविधा के महाकुंभ के अनुभव का पूरा लाभ उठा सकें।
यह पवेलियन उत्तराखंड की सांस्कृतिक और धार्मिक समृद्धि को दुनिया के सामने प्रस्तुत करता है और तीर्थयात्रियों को एक दिव्य अनुभव प्रदान करता है।