उत्तराखंड में अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति योजनाओं में बड़ा घोटाला, 91 संस्थान संदिग्ध, केंद्र ने जांच के निर्देश दिए
"उत्तराखंड के लगभग 91 संस्थान अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति घोटाले के मामले में संदिग्ध पाए गए हैं। भारत सरकार ने इन संस्थानों की एक सूची भेजकर उत्तराखंड सरकार को मामले की जांच करने के निर्देश दिए हैं"

देहरादून । उत्तराखंड में अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति योजनाओं में भारी अनियमितताओं का खुलासा हुआ है। केंद्र सरकार ने लगभग 91 संस्थानों को संदिग्ध पाया है और राज्य सरकार को इन मामलों की कड़ाई से जांच करने के निर्देश जारी किए हैं।
केंद्र सरकार ने उत्तराखंड शासन को इन संस्थानों की सूची भेजते हुए मामले की गहन जांच करने को कहा है। इसके बाद राज्य के सचिव अल्पसंख्यक कल्याण धीरज सिंह ने सभी जिलाधिकारियों को जांच के आदेश दिए हैं। जिलाधिकारियों द्वारा जांच समितियां गठित की जाएंगी, जिनमें खंड शिक्षा अधिकारी और सहायक अल्पसंख्यक कल्याण अधिकारी भी शामिल होंगे।
जांच समिति को एक महीने के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी। जांच में दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ FIR दर्ज कर सख्त कार्रवाई की जाएगी। साथ ही मामले में संलिप्त अधिकारियों को तत्काल निलंबित भी किया जाएगा। सबसे अधिक संदिग्ध संस्थान देहरादून, हरिद्वार, नैनीताल और उधम सिंह नगर जिलों में पाए गए हैं, जबकि उत्तरकाशी, रुद्रप्रयाग, पौड़ी और चंपावत के भी कुछ बड़े संस्थान जांच के दायरे में हैं।
यह घोटाला 2021-22 और 2022-23 के वर्षों में अल्पसंख्यकों की छात्रवृत्ति योजनाओं से जुड़ा है, जिसमें महिला कर्मचारी के खिलाफ मुकदमा दर्ज करने में भी गड़बड़झाले सामने आए हैं। उत्तराखंड सरकार द्वारा इस गंभीर मामले की जांच कराकर अल्पसंख्यकों के हितों की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।